Search

विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष : झारखंड में बढ़ी हरियाली, लेकिन रांची में पिछले तीन साल में कटे 80 हजार पेड़

प्रदेश के कई जिलों में घट रहा वन क्षेत्र,  जामताड़ा में मात्र 5.56 प्रतिशत जंगल बचा

वन विभाग ने 404 करोड़ खर्च कर दो वित्तीय वर्ष में लगाए 3.89 करोड़ पौधे

Ranchi  : झारखंड में हरियाली 58.41 वर्ग किलोमीटर बढ़ी हैं. प्रदेश में कुल क्षेत्रफल 79,716 वर्ग किलोमीटर हैं. इसमें कुल 23,611 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वनों से आच्छादित है. यानी 29.62 फीसदी जंगल है. इनमें 2,603 वर्ग किलोमीटर घना वन क्षेत्र, जबकि 9,687 वर्ग किमी मध्यम घना वन क्षेत्र एवं 11,321 वर्ग किलोमीटर में खुला जंगल है. दूसरी तरफ वन क्षेत्र के बाहर पेड़ (वृक्ष आवरण) 2017 की तुलना में 2019 के दौरान 265 वर्ग किलोमीटर कम हुए हैं. यह भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देहरादून की इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट सर्वे 2019 (आईएसएफआर) की रिपोर्ट में हुआ है.

झारखंड में वृक्ष आवरण 2017 के दौरान 2,922 वर्ग किमी था. सर्वे के दौरान 2,657 वर्ग किलोमीटर वृक्ष आवरण दर्ज किया है. इसका मुख्य कारण सड़क, खादानों में बढ़ता खनन, रेलवे लाइन के विकास के साथ अन्य विकास कार्यों को माना जा रहा है. सिर्फ रांची में विकास के नाम पर हर साल कम से कम 1200 पेड़ काटे जाते हैं. गैर सरकारी संगठन टोटल एंवायरमेंट अवेयरनेस मूवमेंट ने बीते वर्ष सर्वे रिपोर्ट जारी किया था. रिपोर्ट के अनुसार, रांची में पिछले तीन वर्षों में सड़क निर्माण सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए करीब 80 हजार पेड़ काटे गए.

प्रदेशभर में 404 करोड़ खर्च कर, दो वर्ष में हुआ 3.89 करोड़ पौधारोपरण

वन विभाग के अनुसार वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 में कुल 3 करोड़ 89 लाख 63 हजार 705 पौधे लगाए गए. पौधारोपरण पर दोनों वित्तीय वर्ष मिलाकर कुल 404 करोड़ रुपए खर्च किए गए. वर्ष 2018-19 में वन विभाग द्वारा प्रदेशभर में कुल 2 करोड़ 37 लाख 21 हजार 205 पौधे लगाए गए. जिनपर कुल खर्च 203 करोड़ आया. वहीं वर्ष 2019-20 में कुल 1 करोड़ 52 लाख 42 हजार 500 पौधे लगाया गया. जिसपर कुल खर्च 201 करोड़ आया. सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में 2.85 करोड़ पौधा लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

जामताड़ा में सबसे कम 5.56 प्रतिशत जंगल बचा

झारखंड में ऐसे 10 जिले है, जहां 30 प्रतिशत से अधिक जंगल क्षेत्र है. सरकार ने 2021- 22 में कुल 2 लाख 85 हजार पौधारोपरण का लक्ष्य निर्धारित किया है. यह लक्ष्य हासिल होने के बाद झारखंड की हरियाली में बेहतर बढोत्तरी होने का अनुमान है. जामताड़ा जिले में सबसे कम 5.56 प्रतिशत जंगल बचे हैं, जबकि लातेहार जिले में सर्वाधिक 56.08 फीसदी जंगल हैं. इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2019 की मानें, तो झारखंड में 177 पौधों की प्रजातियां हैं.

30 प्रतिशत से अधिक जंगल वाले 10 जिले

जिला वन क्षेत्रप्रतिशत
लातेहार56.08
चतरा47.80
पश्चिमी सिंहभूम46.60
कोडरमा40.29
हजारीबाग38.05
खूंटी35.72
गढ़वा34.00
लोहरदगा33.60
सिमडेगा32.88
पूर्वी सिंहभूम30.30

 

20 प्रतिशत से भी कम जंगल वाले सात जिले

जिला वन क्षेत्रप्रतिशत
जामताड़ा5.56
देवघर8.22
धनबाद10.47
दुमका15.35
गिरिडीह18.16
गोड्डा18.68
पाकुड़15.85

वन विभाग के दस्तावेज में बढ़ी है हरियाली

वन आवरण : 58.41 वर्ग किमी बढ़ोत्तरी

2019 में : 23,611.4 वर्ग किमी

2017 में : 23,553 वर्ग किमी

वृक्ष का आवरण : 265 वर्ग किमी घटा

2019 में : 2,657 वर्ग किमी

2017 में : 2,922 वर्ग किमी

वित्तीय वर्षकुल रोपित पौधेलागत
2018-192,37,21,205203 करोड़
2019-201,52,42,500201 करोड़

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp