Ranchi: कोरोना संक्रमण की वजह से प्रदेशभर में क्लास 01 से 08 तक की कक्षाएं लंबे समय से बंद हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद पिछले दिनों क्लास 08 से 12वीं तक की कक्षाओं को भी बंद कर दिया गया. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो, इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा देने का काम शुरू कर दिया है.
प्रदेशभर में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को ऑनलाइन जोड़ने का प्रयास चल रहा है. अबतक सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले मात्र 22 प्रतिशत बच्चे ही ऑनलाइन जुड़ सके हैं. शिक्षा विभाग का प्रयास है कि कम से कम 50 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे ऑनलाइन जुडे. जिससे ऑनलाइन पढ़ाई सहित अन्य जानकारियां ज्यादातर बच्चे तक पहुंच सकेंगी.
ऑनलाइन नामांकन प्रक्रिया शुरू करने की कार्रवाई
अप्रैल माह में नये सेशन की प्रक्रिया भी शुरू होती है. नामांकन के बाद बच्चे अगली कक्षा की पढ़ाई करते हैं. मगर वर्तमान में कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूलों को बंद कर दिया गया है. जिससे नामांकन प्रक्रिया भी बाधित हो गयी है. शिक्षा विभाग बच्चों की परेशानी को देखते हुए बीते वर्ष ही ऑनलाइन नामांकन प्रक्रिया भी शुरू कर चुकी है. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना नामांकन ऑनलाइन करवा रहे हैं. सुदूर ग्रामीण इलाके के छात्र भी घर बैठे विद्यालय के लिंक से जुडकर ऑनलाइन नामांकन करवा सकते हैं.
प्रदेशभर में 74 लाख 63 हजार स्टूडेंट्स नामांकित
2021 फरवरी तक सरकारी स्कूलों में 74,63,906 स्टूडेंट्स शामिल हुए. इसमें क्लास 01 से 06 के बीच 24,30,601 नामांकित स्टूडेंट्स हैं. वहीं क्लास 06 से 08 के बीच 13,05,612 नामांकित स्टूडेंट्स हैं. प्रदेशभर में कुल 37,36,213 स्टूडेंट्स क्लास 01 से 08 के बीच नामांकित है. वहीं 37,27,693 स्टूडेंट्स राज्यभर में क्लास 08 से 12वीं तक में नामांकित हो चुके हैं.
सरकारी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय व माध्यमिक एवं इंटर महाविद्यालय की संख्या
सरकारी माध्यमिक विद्यालय | 2526 |
सरकारी 10+2 विद्यालय | 510 |
मॉडल विद्यालय | 89 |
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय | 203 |
झारखंड आवासीय विद्यालय | 59 |
स्थायी प्रस्वीकृति प्राप्त माध्यमिक विद्यालय | 112 |
स्थायी प्रस्वीकृति प्राप्त इंटर महाविद्यालय | 176 |
स्था. अनु. माध्यमिक विद्यालय | 420 |
स्था. अनु. इंटर महाविद्यालय | 103 |
वाट्सएप से पढ़ाई, फोन या मैसेज से सूचना
वर्तमान में कक्षा-6 से 10 एवं 12 में नामांकित छात्रों को वाट्सएप ग्रुप से जोड़कर ऑनलाइन पाठ्य सामग्री दी जा रही है. वहीं फोन या मैसेज के माध्यम से बच्चों तक सूचना पहुंचाने का काम किया जा रहा है. अगली कक्षा में प्रमोट होने वाले छात्र नामांकन के लिए स्कूल पहुंच रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा देखा जा रहा है. इससे बचने के लिए स्टूडेंट्स के अभिभावकों का नंबर एकत्र कर सूचना आदान-प्रदान करने का काम किया जा रहा है.