Ranchi : झारखंड कांग्रेस में जिला अध्यक्षों के चयन को लेकर कवायद तेज हो गई है. इसमें पद एक तो दावेदार कई है. हर किसी की अपनी-अपनी लॉबी है. बहरहाल पार्टी ने इस बार नए और युवा चेहरों को मौका देने का फैसला किया है, साथ ही सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के नेताओं को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है.
न्यू फेस को जिम्मेवारी देने की है रणनीति
प्रदेश कांग्रेस जिलों में न्यू फेस को जिम्मेवारी देने की रणनीति में काम कर रही है. इसमें सामाजिक और क्षेत्रिय संतुलन को भी ध्यान में रखा जाएगा. 50 फीसदी से अधिक जिलों में एसटी, एससी और ओबीसी के नेताओं को मौका मिलेगा.
जिला अध्यक्ष चयन की चुनौतियां
• पलामू में रोचक मुकाबला: पलामू में कैबिनेट मंत्री राधाकृष्ण किशोर अपने बेटे प्रशांत किशोर को आगे बढ़ाना चाहते हैं, जबकि पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी अपने करीबी विवेकानंद त्रिपाठी की वकालत कर रहे हैं.
• रांची में असमंजस: रांची में रांची ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ राकेश किरण महतो और कुमार राजा के नाम पर विधायक और कद्दावर नेताओं द्वारा चर्चा की जा रही है.
• धनबाद में वरिष्ठ नेता की पसंद: धनबाद में वरिष्ठ नेता जलेश्वर महतो की पसंद को तरजीह मिलने की संभावना जताई जा रही है.
• बोकारो में बड़े नेताओं का हस्तक्षेप: बोकारो सहित अन्य जिलों में भी बड़े नेताओं का हस्तक्षेप देखने को मिल सकता है.
जमीनी हकीकत का आकलन कर रहे पर्यवेक्षक
हर जिले में पर्यवेक्षक जमीनी हकीकत का आकलन भी कर रहे हैं. जिला अध्यक्ष चयन के लिए मापदंड भी तय किए गए हैं. इसमें पार्टी के साथ वफादारी और सक्रिय योगदान, संगठन में पूर्व की जिम्मेदारियां, लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में भूमिका और साफ छवि व शून्य आपराधिक पृष्ठभूमि शामिल है. पार्टी पर्यवेक्षक छह-छह नामों की अनुशंसा करेंगे. इन नामों में से किसी एक को नया जिला अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा.
प्रदेश प्रभारी की अगुवाई
प्रदेश प्रभारी के राजू खुद इस मुहिम की अगुवाई कर रहे हैं और 15 से 21 सितंबर तक अलग-अलग जिलों में पंचायत स्तरीय कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे. इन बैठकों में प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश भी शामिल होंगे और पार्टी भविष्य का नेतृत्व तैयार करने के लिए पंचायत स्तर पर संभावित चेहरों की पहचान करेगी.
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