Kaushal Anand
Ranchi : भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार सदन में विपक्ष की नहीं, सत्तापक्ष के विधायकों के सवालों का भी जवाब नहीं दे पा रही थी. सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया. जनता के सवालों से सरकार पूरी तरह डर गई है. मरांडी गुरुवार को भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक सदन में भ्रष्टाचार, अकाल, सुखाड़, युवाओं के रोजगार, विधि व्यवस्था, दारोगा की हत्या, गो तस्करी, तुष्टीकरण, शिक्षा के इस्लामीकरण, उर्दू विद्यालय के नाम पर तुष्टिकरण, खनिज संसाधनों की लूट, बालू की लूट जैसे सभी जनमुद्दों पर सरकार से जवाब चाहती थी. लेकिन सरकार इन मुद्दों का सामना करने के बजाय भागती रही.
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सरकार निरुत्तर ही नहीं, भयभीत भी है
उन्होंने कहा कि भाजपा के चार विधायकों को असंवैधसनिक तरीके से निलंबित किया गया, जबकि उसमें एक सदस्य सदन में उपस्थित भी नहीं थे. उन्होंने कहा कि आज तो हद हो गई. विधानसभा अध्यक्ष ने पहले सदन को कुछ समय के लिए स्थगित किया. बाद में बिना कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाये मनमाने ढंग से अचानक सदन को एक दिन पूर्व ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार के संसदीय कार्यमंत्री को बताना चाहिये था कि अब सरकार के पास कोई बिजनेस नहीं बचा है. जबकि सदन के कई विधायी कार्य अभी इस सत्रावधि के लिए पेंडिंग थे. उन्होंने कहा कि जिस बात का हवाला देकर अध्यक्ष ने सत्र स्थगित किया, वह भी लोकतांत्रिक प्रणाली में हास्यास्पद है. इसके पूर्व भी जनता के सवालों पर सदन में हंगामा होता रहा है. विपक्ष का फर्ज है कि जनसमस्याओं को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करना. परंतु आज जिस तरह अलोकतांत्रिक तरीके से सदन को स्थगित किया गया, उससे स्पष्ट है कि सरकार निरुत्तर ही नहीं, भयभीत भी है.
मुख्यमंत्री जवाब देने से भाग रहे
मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि जेल में हैं. प्रेस सलाहकार ईडी के दफ्तर में हैं. इसके पूर्व भ्रष्टाचार के मामले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जेल में बंद हैं. मुख्यमंत्री मुंह नहीं खोल रहे. भ्रष्टाचार की पूरी कहानी में सबकुछ साफ- साफ है. इसलिए मुख्यमंत्री जवाब देने से भाग रहे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अब इस्तीफा दे देना चाहिए. प्रेसवार्ता में पार्टी के मुख्य सचेतक विरंची नारायण, विधायक अनंत ओझा, जेपी पटेल, रणधीर सिंह, नीरा यादव, राज सिन्हा, मनीष जायसवाल, केदार हाजरा एवं पार्टी के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी भी उपस्थित थे.
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राज्य में बालू की किल्लत का गुनहगार कौन, मुख्यमंत्री जवाब दें : दीपक प्रकाश
इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने राज्य में बालू की किल्लत से विकास कार्य ठप होने को लेकर मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा किया. कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि आखिर राज्य में बालू की किल्लत क्यों है? क्यों गरीबों के लिए बनाये जाने वाले आवास बालू के कमी के कारण नही बन रहे. क्यों सड़क, स्मार्ट सिटी, रेलवे आदि से संबंधित निर्माण कार्य बालू के अभाव में ठप्प पड़े हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की नीति और नीयत ने जनता को तबाह कर दिया है. राज्य की जनता त्राहि त्राहि कर रही और राज्य के संसाधन सरकार के संरक्षण में लूटे जा रहे.
सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है
उन्होंने कहा कि एक वर्ष पूर्व विधानसभा में मुख्यमंत्री ने बालू के सवाल पर समस्या के त्वरित समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक समस्या जस की तस बनी हुई. राज्य से माफिया बालू की तस्करी कर बाहर भेज रहे और राज्य की जनता बालू के लिए तरस रही. उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा के वायदों से जनता को दिग्भ्रमित करने वाली सरकार ने राज्य के संसाधनों को पूरी तरह लूटने और लुटवाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है.
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