Ranchi: अप्रैल का महीना राज्य सरकार खास कर मुख्यमंत्री के लिए ठीक नहीं रहा. सरकार की प्रमुख सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने कई मोर्चों पर सरकार का बचाव किया. वहीं महंगाई को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और कहा कि केंद्र सरकार ने आम आदमी को चोखा खाने पर मजबूर कर दिया है. वहीं प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने दावा किया कि कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन में कहीं कोई मतभेद नहीं है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से भी वादा किया कि कार्यकर्ताओं के साथ किसी भी तरह की नाइंसाफी नहीं होगी. उनके मान सम्मान का ख्याल रखा जाएगा. और भी कई मुद्दों पर कांग्रेस ने अपनी राय रखी. पढ़िए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री आलमगीर आलम और रामेश्वर उरांव के अप्रैल महीने में दिये गये 18 बयान.
राजेश ठाकुर ने अप्रैल में क्या-क्या कहा
28 अप्रैल- माइंस लीज पर इन दिनों विपक्ष द्वारा सीएम पर कई आरोप लगाये गये हैं. जहां तक मेरी राजनीतिक समझ है, तो यह साफ है कि अभी तक उनपर ऐसा कोई मामला नहीं बन रहा है, जितना लोग बना रहे हैं. हमें यह देखना चाहिए कि आरोप कौन लोग लगा रहे हैं. वैसे लोग जिनपर भ्रष्टाचार के खुद कई आरोप हैं.
26 अप्रैल- 6 माह के दौरान प्रदेश कांग्रेस की ओर से 7,50,000 प्राथमिक सदस्य बनाए गए. जनता और कार्यकर्ताओं के बीच सीधा संवाद हुआ पार्टी में गुटबाजी समाप्त हुई. सबने एक मंच पर बैठकर संगठन को मजबूत करने का काम किया.
18 अप्रैल- कार्यकर्ताओं का मान- सम्मान बरकरार रखना मेरी पहली प्राथमिकता है. आगामी चुनाव में बेहतर परिणाम के लिए कांग्रेस के संगठन को और सशक्त और धारदार बनाना है. कार्यकर्ताओं के साथ किसी भी तरह की नाइंसाफी नहीं होगी. कार्यकर्ताओं की भावनाओं का मैं हमेशा आदर करता हूं, उनके स्वाभिमान को कभी ठेस नहीं पहुंचेगी यह मैं वादा करता हूं.
6 अप्रैल- राज्य में मौजूदा झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार को कोई खतरा नहीं है. कांग्रेस-जेएमएम में कोई तकरार नहीं है. किसी भी गठबंधन में मतभेद पैदा होते रहते हैं, लेकिन उसे आपसी बातचीत से सुलझा लिया जाता है.
2 अप्रैल- चुनाव के समय 137 दिनों तक पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं हुई. अभी त्योहारों का समय है इसलिए जनता को आगाह करता हूं कि भाजपा के कुचक्र में ना फंसे. इधर जनता दूसरे मुद्दों में उलझ जाएगी और महंगाई से जनता का ध्यान हट जाएगा. मोदी और महंगाई भाई-बहन की तरह साथ चल रहे हैं.
रामेश्वर उरांव के अप्रैल महीने में दिये गये बयान
27 अप्रैल- झारखंड में अच्छा ब्यूरोक्रेसी नहीं है. जब झारखंड संयुक्त बिहार में था, तब यहां का ब्यूरोक्रेसी बेहतर था. कई अच्छे अधिकारी थे. उनका काम दिखता था, लेकिन अब सभी पुराने अधिकारी रिटायर हो गये. झारखंड में अच्छे ब्यूरोक्रेसी की जरूरत है.
26 अप्रैल- कांग्रेस में प्रचार तंत्र कमजोर है. कार्यकर्ता सरकार के अच्छे कार्यों को जनता तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं. प्रजातंत्र में प्रचार तंत्र का महत्व है. कांग्रेस के कार्यकर्ता सरकार में हो रहे अच्छे कामों को जनता तक पहुंचाएं यही मेरी अपील है.
22 अप्रैल- सभी जरुरी सामानों की कीमतों में बढोत्तरी ने आम आदमी को खाने की तक की आदत को बदलने के लिए मजबूर की दिया है. आम आदमी ‘भुजिया’ नहीं खा सकता है. उसे ‘चोखा’ खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि वे सरसों का तेल नहीं खरीद पा रहे हैं. गर्मियों के दौरान गरीबों के लिए विटामिन का स्रोत नींबू भी अब खरीदने की सीमा से बाहर हो गया है. मोदी सरकार नींबू के दाम तक नहीं संभाल पा रही है.
15 अप्रैल- स्थानीय नीति सिर्फ नियोजन के लिए नहीं बनेगी, बल्कि झारखंड में खनन और व्यवसाय के लिए भी स्थानीय नीति बनाई जाएगी. हमारी जमीन पर बाहर का व्यक्ति आकर क्यों खनन करेगा? सभी जिलों में अलग-अलग समय में सर्वे होने के कारण 1932 का खतियान आधार नहीं हो सकता है.
13 अप्रैल- लोहरदगा सांप्रदायिक हिंसा में स्लीपर सेल के हाथ की बात साफ तो नहीं कह सकता, लेकिन यह सच है कि बाहर के कुछ लोगों का लोहरदगा में आना-जाना था. हालांकि यह बातें अतीत की है. स्लीपर सेल का मामला गंभीर है और जांच का विषय है.
12 अप्रैल- लोहरदगा में रामनवमी उत्सव के दौरान हुई हिंसा शरारती तत्वों की साजिश का नतीजा है. यह घटना “दुर्भाग्यपूर्ण” थी क्योंकि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार एक ‘धर्मनिरेपक्ष’ सरकार है और इसके तहत राज्यभर में शांति कायम है. जुलूस अपने पारंपरिक रास्ते से गुजर रहा था, लेकिन शरारती तत्वों ने बाधा खड़ी कर दी जिससे हिंसा हुई.
7 अप्रैल- मोदी सरकार तो बीमार व्यक्तिों को भी नहीं बख्श रही है. 800 जरूरी दवाइयों के मूल्यों में 10.76 प्रतिशत की वृद्धि की है. इसका मतलब यह है कि थाली से निवाला छीनेंगे ही और अगर बीमार हुए तो भी दवाई खरीद नहीं पाएंगे. मतलब जनता की मौत तय.
2 अप्रैल- महंगाई इस देश की अर्थव्यवस्था की सच्चाई है और इसके बुरे असर दूरगामी हैं. यह सभी वर्ग के लोगों को प्रभावित कर रही है. जब 2014 में कांग्रेस की सरकार थी तो पेट्रोल का दाम 60 रुपए था और अभी 100 रुपए पार है.
अप्रैल में आलमगीर आलम ने क्या-क्या कहा
11 अप्रैल- उपेक्षित और कमजोर लोगों को स्वावलंबी बनाना हमारा लक्ष्य है. इसके लिए झारखंड के सभी DDC को ट्रेनिंग मिलेगी. केंद्रीय ग्रामीण मंत्रालय के पदाधिकारियों की उपस्थित में झारखंड के सभी जिला के उप विकास आयुक्तों को प्रशिक्षण दिया जायेगा.
10 अप्रैल- वर्ष 2021-22 में ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न इकाईयों के माध्यम से कई ग्रामीण विकास योजनाओं को अमलीजामा पहनाया गया है. साथ ही कार्यान्वयन के दौरान कई खामियों को भी चिन्हित किया गया है.
7 अप्रैल- पिछले 10 दिनों में केन्द्र सरकार ने नौ बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की है. सरकार इस वृद्धि से हजारों करोड़ रुपये कमा रही है और राज्य की जनता तिल-तिल कर मरने को विवश है. केन्द्र में बैठी सरकार मुट्ठी भर अमीरों को और अमीर बना रही है, जबकि मध्यम वर्गीय और निम्नवर्गीय किसान, मजदूर, युवा, महिला की थाली से निवाला छीन रही है.
5 अप्रैल- मुझे बताएं जेएमएम और कांग्रेस में समन्वय की कमी कहां है? सीएम हमारे प्रभारी की कहां नहीं सुनते? हमने जो भी सुझाव दिया और उनसे बात की, उन्होंने उसे उठाया और वह किया गया.
2 अप्रैल- भाजपा जब विपक्ष में थी तो थोड़ी सी महंगाई पर सड़क पर उतर कर आंदोलन करती थी. गरीबों के मद्देनजर बजट नहीं बनाने के कारण आज जनता सड़कों पर है. जनता अगर सहयोग करती है तो कांग्रेस महंगाई मुक्त भारत अवश्य बनाएगी.
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