Ranchi : झारखंड में अगले 1 और सप्ताह तक किसी भी न्यायालय में अधिवक्ताओं को उपस्थित नहीं होने का निर्देश झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने दिया है. झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने राज्य भर के वकीलों के लिए यह निर्देश जारी किया है. काउंसिल ने रविवार को इसे लेकर निर्देश जारी किया है और इसकी सख्ती से पालन करने की हिदायत भी दी है. झारखंड स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णा ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए न्यायिक कार्य शुरू करने या न्यायिक कार्य से वकीलों को दूर रखने से संबंधित सुझाव काउंसिल के सभी सदस्यों से मांगा था. सभी सदस्यों के सुझाव के बाद यह निर्णय लिया गया है और इस निर्णय से झारखंड के सभी जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव को सूचित कर दिया गया है.
बता दें कि 2 मई को हुई झारखंड स्टेट बार काउंसिल की रिव्यू मीटिंग में यह निर्णय लिया गया था कि 9 मई तक राज्य भर के अधिवक्ता किसी भी तरह के न्यायिक कार्य में हिस्सा नहीं लेंगे. झारखंड के सभी अधिवक्ता न तो एग्जीक्यूटिव कोर्ट और ना ही ज्यूडिशियल कोर्ट में उपस्थित होंगे. साथ ही कोई अन्य न्यायिक कार्य नहीं करेंगे.
निर्णय की अवहेलना करने पर काउंसिल डिसिप्लिनरी एक्शन लेगा
झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह निर्देश राज्य के सभी वकीलों के लिए है. इस निर्णय की जानकारी सभी जिलों के जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव को पत्र के माध्यम से दी गयी है. वहीं उन्होंने बताया कि झारखंड हाईकोर्ट में कोरोना वायरस सबंधित अगर किसी याचिका पर सुनवाई हुई तो उस याचिका से संबंधित अधिवक्ता न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रख सकते हैं. लेकिन इसके अलावा अन्य किसी भी मामले में अधिवक्ता अदालत में उपस्थित नहीं होंगे. अगर कोई भी वकील काउंसिल के इस निर्देश की अवहेलना करता है तो उसपर काउंसिल डिसिप्लिनरी एक्शन लेगा.
17 में से 13 सदस्यों ने निर्णय का समर्थन किया
काउंसिल की रिव्यू मीटिंग में 17 सदस्यों ने अपने अपने विचार रखे. जिसमें से 13 सदस्य इस फैसले का समर्थन किया तो वहीं 4 सदस्य फैसले से नाखुश दिखे. जबकि 13 सदस्यों ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस निर्णय का समर्थन किया. अधिवक्ता अगले एक और सप्ताह तक न्यायिक कार्य से दूर रहें ताकि उनमें कोरोना के संक्रमण का खतरा कम हो सके.