Mumbai : भारतीय शेयर बाजार ने आज शुक्रवार को भी भारी गोता लगाया. आज 30 साल पुराना रिकॉर्ड भी ध्वस्त हो गया. पिछले पांच माह में Sensex फीसदी टूट चुका है. 1996 के बाद यह पहली बार है कि बाजार में लगातार पांचवें महीने गिरावट रही है. बता दें कि 1996 में जुलाई से लेकर नवंबर के बीच शेयर बाजार में लगातार 5 माह गिरावट आयी थी. उस समय निफ्टी 50 इंडेक्स 26 फीसदी टूटे थे.
निवेशकों में अब डर बैठ गया है, आखिर अब आगे क्या होगा?
शेयर बाजार पर नजर डालें तो पिछले पांच महीने के दौरान Sensex 11.54 फीसदी और निफ्टी 12.65 फीसदी गिरे हैं. BSE मिडकैप 20 फीसदी से ज्यादा और बीएसई स्मॉलकैप 22.78 फीसदी लुढ़के हैं. अक्टूबर 2024 से निफ्टी हर महीने गिरावट में बंद हुआ है. निवेशकों में अब डर बैठ गया है कि आखिर अब आगे क्या होगा? पिछले पांच महीने के दौरान गिरावट के कारण बीएसई मार्केट कैपिटलाइजेशन में भी भारी गिरावट हुई है. गिरावट के कारण निवेशकों का वैल्यूवेशन काफी कम हुआ है.
बीएसई-लिस्टेड फर्मों का कुल मार्केट वैल्यूवेशन 92 लाख करोड़ रुपये कम हुआ
बीएसई सेंसेक्स में कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) 26 सितंबर, 2024 से लगभग 25 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है, जब सूचकांक का मार्केट वैल्यूवेशन लगभग 171 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया था. दूसरी ओर, इसी अवधि के दौरान बीएसई-लिस्टेड फर्मों का कुल मार्केट वैल्यूवेशन लगभग 92 लाख करोड़ रुपये कम हुआ है.
आज सेंसेक्स में 1414 अंकों की गिरावट रही
Nifty आज 420 अंक टूटकर 22124 पर बंद हुआ. सेंसेक्स में 1414 अंकों की गिरावट रही. यह 73198 पर बंद हुआ. निफ्टी बैंक 400 अंक गिरकर 48344 पर क्लोज हुआ. बीएसई के टॉप 30 शेयरों में से 29 शेयर गिरे, जिसमें सबसे ज्यादा टेक महिंद्रा के शेयर 6 फीसदी से ज्यादा टूटे. इस गिरावट से बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 9.61 लाख करोड़ रुपये घटकर 383.49 लाख करोड़ रुपये रह गया. हालांकि एचडीएफसी बैंक में 1.86 फीसदी की तेजी रही.
BSE के 28 शेयरों ने निवेशकों को रुलाया
बीएसई के टॉप 30 में से 28 शेयरों ने निवेशकों का ज्यादा रुलाया. 35फीसदी की गिरावट के साथ टाटा मोटर्स (Tata Motors Share) टॉप पर है. इसके बाद एशियन पेंट्स (32 फीसदी नीचे), पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (30 फीसदी नीचे) और इंडसइंड बैंक (28 फीसदी नीचे) का स्थान रहा है. हालांकि बजाज फाइनेंस और कोटक महिंद्रा बैंक ने 26 सितंबर, 2024 और 27 फरवरी, 2025 के दौरान 12 फीसदी और 2.3 फीसदी की बढ़त हासिल की.
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा भारी बिकवाली, अमेरिकी बांड पर बढ़ती आय, रुपए की वैल्यू में बड़ी गिरावट, तीसरी तिमाही के आय में सुस्ती और हाई वैल्यूवेशन के कारण हाल के महीनों में बाजार की धारणा प्रभावित हुई है. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लिये गये टैरिफ के फैसलों ने बाजार की दिशा-दशा बदल दी है.
मार्च पर है निवेशकों की नजर
अक्सर मार्च का महीना तेजड़ियों के पक्ष में रहा है. अक्सर मार्च में शेयर बाजार की बल्ले बल्ले रहती . पिछले 15 सालों में बेंचमार्क इंडेक्स ने 10 बार पॉजिटिव रिटर्न देते हुए निवेशकों की कमाई कराई है. 30 साल पहले ही मार्च के दौरान तेजी रही थी. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार के अनुसार मार्च में बेहतर मैक्रो न्यूज फ्लो और FII की धीमी बिक्री के कारण भारतीय बाजार में सुधार देखने को मिल सकता है
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