Lagatar Desk
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद सोमवार को शेयर बाजार 57 अंक टूट कर बंद हुआ. हालांकि शेयर बाजार में लिस्टेड अदानी ग्रूप की नौ में से सात में गिरावट दर्ज की गई है. उल्लेखनीय है कि शनिवार की रात हिंडेनबर्ग रिसर्च की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई थी. रिपोर्ट में सेबी के प्रमुख माधवी पुरी बुच और उनके पति के खिलाफ गंभीर आरोप लगाये गये थे. साथ ही कहा गया था कि अदानी ग्रूप की कंपनियों में विदेशी निवेशों की जांच ना होने की वजह सेबी प्रमुख की ग्रुप से नजदीकि रिश्ता होना है. इस रिपोर्ट की वजह से इस बात की आशंका जतायी गयी थी कि सोमवार को शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी जा सकती है. सुबह में जब बाजार खुला, तब तेज गिरावट देखने को मिला. कुछ ही मिनटो में सेंसेक्स में 479 अंक तक की गिरावट दर्ज की गई. हालांकि एक घंटे के बाद शेयर बाजार संभला और 400 अंकों तक की बढ़त दर्ज की गई. लेकिन बाजार बंद होते वक्त तक यह बढ़ोतरी नहीं संभाली जा सकी और बाजार 57 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 20.50 अंक यानी 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,347 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह नीचे में 24,212.10 अंक तक आया और ऊंचे में 24,472.80 अंक तक गया. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने बताया कि भारतीय बाजार स्थिर पर बंद हुआ. शुरुआत में बाजार पर अदानी-हिंडनबर्ग-सेबी रिपोर्ट का असर हुआ. लेकिन कुछ ही देर में बाजार ने इसको नकार दिया और वैश्विक स्तर पर सकारात्मक रुख से संकेत लिया.
उल्लेखनीय है कि हिंडेनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को सेबी की प्रमुख माधवी पुरी बुच और उनके पति पर अदानी से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी होने का आरोप लगाया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी प्रमुख बुच और उनके पति धबल बुच के पास उस विदेशी कोष में हिस्सेदारी है, जिसका उपयोग अदानी समूह के प्रमुख गौतम अदानी के बड़े भाई विनोद अदानी ने समूह में कथित धन की हेराफेरी को लेकर इस्तेमाल किया. बुच और उनके पति धवल ने आरोपों को निराधार बताया था. अदानी समूह ने भी हिंडनबर्ग रिसर्च के ताजा आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला बताया है. समूह ने रविवार को कहा कि उसका बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन या उनके पति के साथ कोई वाणिज्यिक संबंध नहीं है.