Ranchi: दुर्गा पूजा को लेकर जिला व पुलिस प्रशासन और नगर निगम की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. पिछले वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी कोविड गाइडलाइन के तहत ही होगा दुर्गा पूजा का आयोजन. इस बार भी पूजा पंडालों में रहेगी सख्ती. पंडालों में भीड़ नहीं रहेगी. नियम के तहत ही भक्त मां के दर्शन कर पाएंगे. सरकार ने कोविड 19 से बचाव के लिए इस संबंध में कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं. भव्य पूजा पंडाल भी नहीं बनेंगे. श्रद्धालुओं को मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मां के दर्शन करने होंगे.
पूजा समितियों के साथ ही शहर में विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला और पुलिस प्रशासन ने सोमवार को पूजा समितियों के साथ बैठक की. बैठक की अध्यक्षता एडीएम लॉ एंड ऑर्डर उत्कर्ष गुप्ता ने की. साथ ही इस अवसर पर एसडीएम दीपक कुमार दुबे, सिटी एसपी सौरभ, ट्रैफिक एसपी रेशमा रमेशन और नगर निगम अधिकारी शामिल हुए. अधिकारियों ने अवसर पर कहा कि कोविड से बचाव के लिए सभी गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा. उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा आईपीसी की धारा 188 सहित लागू होने वाले अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई करने की बात कही गयी.
सुरक्षा और कोविड से बचाव प्राथमिकता – सिटी एसपी
सिटी एसपी सौरभ ने कहा कि इस वर्ष पूजा के सफल आयोजन पर दो चीजों पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाएगा. वे है सुरक्षा और कोविड से बचाव. वैसे स्थान, जहां संवेदनशीलता बरकरार रहती है या जहां पहले से कोई घटना हुई है, उनपर विशेष निगरानी रखी जाएगी. इसके अलावा कोविड को लेकर जो भी गाइडलाइन है, उसका उल्लंघन न हो, इसपर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
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फोर्स और सीसीटीवी कैमरों की संख्या की जाएगी निर्धारित
पूजा पंडालों की मॉनिटरिंग को लेकर सिटी एसपी ने कहा कि हर पूजा पंडाल के लिए फोर्स की तैनाती की जाएगी. इसके लिए पेट्रोलिंग पार्टियां होंगी, ताकि किसी तरह की कोई आपराधिक घटना न हो. कई जगहों को चिह्नित किया जा रहा है, जहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि विधि-वियवस्था भंग न हो. सीसीटीवी कैमरा और फोर्स की संख्या के लिए सभी थानाध्यक्ष से बात हो रही है. जगह और संवेदनशीलता के अनुसार फोर्स और सीसीटीवी कैमरों की संख्या निर्धारित की जाएगी.
ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए विस्तार से किया जा रहा प्लान – ट्रैफिक एसपी
इस अवसर पर एडीएम लॉ एंड ऑर्डर उत्कर्ष गुप्ता ने लोगों से अपील की है कि लोग पूर्व की तरह ही इस वर्ष भी पूजा के सफल आयोजन में प्रशासन का सहयोग करे. वहीं ट्रैफिक एसपी रेशमा रमेशन ने यातायात व्यवस्था पर जोर देते हुए कहा कि समितियों को ट्रैफिक को लेकर विशेष व्यवस्था करनी चाहिए. पंडालों से 200-300 मीटर की दूरी पर पार्किंग व्यवस्था हो ताकि लोगों को परेशानी न हो. साथ ही इमरजेंसी सेवा में किसी तरह की बाधा न आए. उन्होंने कहा कि इस दौरान ट्रैफिक व्यवस्था सही रखने के लिए विस्तार से प्लान किया जा रहा है.
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सुरक्षा, ट्रैफिक, प्रसाद वितरण, विसर्जन, बैरिकेडिंग को लेकर समितियों ने दिए सुझाव
बैठक में उपस्थित विभिन्न पूजा समितियों ने अपने क्षेत्र में पूजा आयोजन को लेकर कई सुझाव और सलाह दी. साथ ही कुछ व्यवस्थाओं को दुरुस्त करवाने की अपील भी की. सुरक्षा, ट्रैफिक, प्रसाद वितरण, विसर्जन, बैरिकेडिंग आदि को लेकर समितियों ने अपने सुझाव दिए. कुछ मुख्य सुझाव जो समितियों ने दिए, वे हैं –
- तेज बाइक चलाने वालों बाइकरों पर रोक
- बैरिकेडिंग को जरूरत को अनुसार लगाने और हटाने
- सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरा लगाने, पेट्रोलिंग और फोर्स की तैनाती
- षष्ठी से लेकर विसर्जन तक सुबह 9 बजे से रात के 10 बजे तक नो एंट्री लागू करने
- इस दौरान ट्रैफिक मैनेजमेंट पर ज्यादा ध्यान दिये जाने न की लोगों को रोक कर फाइन लेने पर
- इसके साथ ही बिजली, पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त करने का सलाह दी गयी
जानिए सरकार के गाइडलाइन
सरकार ने इस वर्ष भी कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें लोगों के मास्क पहने, सोशल डिस्टेंसिंग के पालन से लेकर मूर्तियों की लंबाई और विसर्जन और रावन दहन तक के लिए कुल 28 निर्देश दिए गए है. इसमें मुख्य रूप से –
- दुर्गा पूजा आमतौर पर भक्तों द्वारा मंदिरों या निजी तौर पर घर पर की जाती है. पूजा विशेष रूप से बनाए गए छोटेपंडालों/मंडपोंमें भी की जा सकती है, जहां यह पारंपरिक रूप से किया जाता है, अन्य पूजा समिति के सदस्यों द्वारा सार्वजनिक भागीदारी के बिना, अनुष्ठानों के प्रदर्शन के उद्देश्य से किया जाता है.
- पूजा पंडाल का निर्माणकंटेनमेंटजोन के बाहर ही किया जा सकता है.
- पूजा पंडाल को चारों तरफ से बैरिकेडिंग करने कानिर्देशहै. भक्त केवल बैरिकेड के बाहर, दूर से ही दर्शन कर सकते हैं. पंडाल में प्रवेश नहीं करना है.
- थिमैटिक यानि थीम पर आधारित पूजा पंडाल नहीं बनाया जाएगा. साथ ही आसपास के क्षेत्र में किसी तरह की लाइटिंग की सजावट नहीं की जाएगी. केवल सुरक्षा की दृष्टि से लाइटिंग की जा सकती है.
- मूर्ति का आकार 5 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए.
- मंत्र/पाठ/आरतीके लिए लाउडस्पीकर जैसे दूसरे सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का उपयोग किया जा सकता है. पर इसके अलावा टेप/ऑडियो/डिजिटल रिकॉर्डिंग का कोई प्रसारण नहीं करना है.
- मेला नहीं लगेगा.
- पंडाल में और आसपास कोई भी फूड स्टॉल नहीं लगेगा.
- एक बार में पंडाल में आयोजकों, पुजारियों और सहयोगी स्टाफ मिलाकर केवल 25 लोग ही रह सकते हैं.
- कोई विसर्जन जुलूस नहीं निकलेगा.
- भोज या प्रसाद बांटने की अनुमति नहीं है. केवल प्रसाद की होम डिलीवरी की जा सकती है.
- रावण दहन का कोई कार्यक्रम नहीं किया जाएगा.