Kabul : अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर आईएसआईएस के आतंकी ने गुरुवार को भीषण हमला कर 100 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया. मरने वाले लोगों में 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं. खबर है कि काबुल एयरपोर्ट पर हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गयी थी. इस आत्मघाती हमले के लिए पाकिस्तान शक के घेरे में है.
अफगान सूत्रों के अनुसार शांति प्रक्रिया के दौरान कई खतरनाक और दुर्दांत आतंकी छोड़े गये थे. यही आतंकी काबुल हमले के लिए जिम्मेदार माने जा सकते हैं. पाकिस्तान में आईएसआईएस का चेहरा अमीर मावलावी अब्दुल्ला फारूकी भी इसमें शामिल है.
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मावलावी अब्दुल्ला फारुकी पहले लश्कर-ए-तैयबा में शामिल था
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार फारूकी गुरुद्वारा हमले में शामिल रहा है, जिसमें 27 लोग मारे गये थे. जांच के क्रम में फारूकी ने माना था कि वह गुरुद्वारा हमले में शामिल था. उसने यह भी स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने इस हमले की साजिश रची थी. जानकारी के अनुसार फारुकी पहले लश्कर-ए-तैयबा में शामिल था. बाद में वह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान में शामिल हो गया.
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मावलावी और उसके पुराने साथियों ने किया हमला
भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार आशंका है कि मावलावी और उसके पुराने साथियों ने मिलकर हमला किया है, पाकिस्तानी एजेंसियां भी यही चाहती थीं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि क्षेत्र में अस्थिरता आये ताकि आतंकी साजिशों को अंजाम दिया जा सके. बता दें कि आईएसआईस-के मध्य एशिया में इस्लामिक स्टेट का सहयोगी है. 2014 में इस्लामिक स्टेट के लड़ाके पूरे सीरिया और इराक में फैल गये थे.
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2015 में आईएसआईएस-के की नींव पड़ी
इसके कुछ माह बाद 2015 में आईएसआईएस-के की नींव पड़ी. इस संगठन में खुरासान दरअसल अफगानिस्तान का एक प्रांत है जो अफगानिस्तान, ईरान और मध्य एशिया के ज्यादातर हिस्से कवर करता है. इसे ISK या ISIS-K के नाम से भी जाना जाता है. जान लें कि 2019 में मावलावी जिआ उल हक ऊर्फ अबू उमर खोरासानी की जगह पर अप्रैल 2019 में आईएसकेपी का चीफ बना था.