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DSPMU में 2 साल से नहीं हुआ छात्र संघ चुनाव, स्टूडेंट्स ने विधि-व्यवस्था लचर होने की कही बात

Virendra rawat Ranchi: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में पिछले 2 साल से छात्र संघ चुनाव नहीं होने के कारण विद्यार्थी परेशान हैं. विद्यार्थियों ने कहा कि छात्र-छात्राओं की परेशानियों को विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष रखने वाला कोई नहीं है. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में पिछले 2 साल से बिना एडमिट कार्ड के ही परीक्षा लिया जा रहा है. यह न्याय संगत नहीं है. इस पर सवाल करने पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा टालमटोल रवैया अपनाया जाता है. सही जवाब देने वाला तक कोई नहीं है. विश्वविद्यालय की विधि-व्यवस्था काफी खराब हो चुकी है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता गौरव सिंह ने कहा कि वाइस चांसलर विश्वविद्यालय नहीं आते हैं. रजिस्ट्रार छात्र हित में कोई काम नहीं करते हैं. कल्चरल एक्टिविटीज पूरी तरह से बंद है. कल्चरल एक्टिविटी से विश्वविद्यालय की पहचान नेशनल स्तर पर बनती है. लेकिन कल्चरल एक्टिविटीज की परमिशन लेने पर विश्वविद्यालय परिसर द्वारा विद्यार्थियों के ऊपर कार्रवाई की जाती है. गौरव ने आगे कहा, छात्र संघ नहीं होने के कारण विद्यार्थियों में एकजुटता नहीं है. जिसके कारण विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा है. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में डीएसडब्ल्यू का पद भी वर्षों से खाली पड़ा है. विश्वविद्यालय भगवान भरोसे चल रहा है. विद्यार्थियों की मांग है कि जल्द छात्र संघ चुनाव की घोषणा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की जाये.

वाई-फाई के लिए विद्यार्थियों से लिए जाते हैं 250 रुपये, नहीं मिलती सुविधा

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में प्रत्येक विद्यार्थी से सालाना 250 रुपये वाई-फाई के नाम पर विश्वविद्यालय प्रशासन वसूली करती है. लेकिन विद्यार्थियों को कैंपस में वाई-फाई की सुविधा नहीं मिल रही है. विद्यार्थियों के पैसे का विश्वविद्यालय पूरी तरह से दुरुपयोग कर रहा है. जब विश्वविद्यालय वाई-फाई सेवा नहीं दे सकता है तो विद्यार्थियों से वाईफाई के नाम पर 250 रुपये वसूली बंद होनी चाहिए. इसे भी पढ़ें-सीएम">https://lagatar.in/cms-big-announcement-government-is-bringing-new-holding-tax-policy-secretariat-building-ministers-mlas-will-make-home-entry-by-making-houses/">सीएम

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alt="" width="1280" height="576" /> डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रणव गुप्ता[/caption]

छात्र नेताओं की सुनिए

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रणव गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थिति दयनीय है. कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को कॉलेज में कई प्रकार की सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. प्लेसमेंट सेल बंद, आईडी कार्ड विद्यार्थियों को नहीं मिलना, परीक्षाफल समय प्रकाशित नहीं होना जैसे अनेकों समस्याएं विद्यार्थियों के सामने हैं. लेकिन इसे विश्वविद्यालय के समक्ष रखने वाला कोई प्रतिनिधि नहीं है. [caption id="attachment_273242" align="aligncenter" width="1280"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/03/कंचन-कुमारी-अखिल-भारतीय-विद्यार्थी-परिषद-सदस्य।.jpg"

alt="" width="1280" height="576" /> अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्य कंचन कुमारी[/caption] अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्य कंचन कुमारी ने कहा कि छात्र संघ चुनाव जरूर होनी चाहिए. विश्वविद्यालय में महिलाओं को मिलने वाली सारी सुविधाएं फिलहाल बंद हैं. महिला शौचालय और महिला सुरक्षा के नाम पर विश्वविद्यालय पूरी तरह से फेल है. विश्व विद्यालय में एक भी महिला सुरक्षाकर्मी नहीं हैं. आये दिन विश्वविद्यालय परिसर में छात्राएं आपस में हाथापाई करती हैं. लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है. विश्वविद्यालय द्वारा हाल में एक महिला हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. लेकिन उस हेल्पलाइन नंबर का प्रचार प्रसार विश्वविद्यालय द्वारा व्यापक पैमाने पर नहीं किया गया. स्पोर्ट्स के क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी नगण्य है. [caption id="attachment_273244" align="aligncenter" width="1280"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/03/गौरव-सिंह-छात्र-नेता।-1.jpg"

alt="" width="1280" height="576" /> अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता गौरव सिंह[/caption] अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता गौरव सिंह ने कहा कि पीजी, मास कॉम्यूनिकेशन, यूजी, वोकेशनल, नॉन वोकेशनल समेत कई अन्य परीक्षाएं बिना एडमिट कार्ड के विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिए जा रहे हैं. विश्वविद्यालय में मास कॉम्यूनिकेशन की कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं. लेकिन 3 साल बितने पर सुविधाएं नहीं हैं. मास कॉम डिपार्टमेंट में एक स्टूडियो तक विद्यार्थियों के लिए नहीं है. जबकि विश्वविद्यालय मास कॉम के विद्यार्थियों से मोटी फीस वसूल रहा है. कई कक्षाओं में ब्लैक बोर्ड की भी स्थिति खराब है. इसे भी पढ़ें-2014">https://lagatar.in/in-2014-hemant-met-the-martyrs-wife-as-cm-promised-a-job-and-a-petrol-pump-which-has-not-been-received-till-date-lambodar-mahto/">2014

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छात्र नेता आनंद कुमार ने कहा कि सीनेट सिंडिकेट के सदस्य पिछले कई वर्षों से खाली हैं. सीनेट और सिंडिकेट के सदस्य नहीं होने से छात्र हित में विश्वविद्यालय द्वारा कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है. वाइस चांसलर अपनी मनमानी से विश्वविद्यालय चलाना चाह रहे हैं. उनकी उपस्थिति भी नगण्य है. [wpse_comments_template]

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