वाई-फाई के लिए विद्यार्थियों से लिए जाते हैं 250 रुपये, नहीं मिलती सुविधा
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में प्रत्येक विद्यार्थी से सालाना 250 रुपये वाई-फाई के नाम पर विश्वविद्यालय प्रशासन वसूली करती है. लेकिन विद्यार्थियों को कैंपस में वाई-फाई की सुविधा नहीं मिल रही है. विद्यार्थियों के पैसे का विश्वविद्यालय पूरी तरह से दुरुपयोग कर रहा है. जब विश्वविद्यालय वाई-फाई सेवा नहीं दे सकता है तो विद्यार्थियों से वाईफाई के नाम पर 250 रुपये वसूली बंद होनी चाहिए. इसे भी पढ़ें-सीएम">https://lagatar.in/cms-big-announcement-government-is-bringing-new-holding-tax-policy-secretariat-building-ministers-mlas-will-make-home-entry-by-making-houses/">सीएमकी बड़ी घोषणाः सरकार ला रही है नई होल्डिंग टैक्स नीति, सचिवालय भवन, मंत्री, विधायक आवास बनाकर कराएंगे गृह प्रवेश [caption id="attachment_273256" align="aligncenter" width="1280"]
alt="" width="1280" height="576" /> डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रणव गुप्ता[/caption]
छात्र नेताओं की सुनिए
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रणव गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थिति दयनीय है. कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को कॉलेज में कई प्रकार की सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. प्लेसमेंट सेल बंद, आईडी कार्ड विद्यार्थियों को नहीं मिलना, परीक्षाफल समय प्रकाशित नहीं होना जैसे अनेकों समस्याएं विद्यार्थियों के सामने हैं. लेकिन इसे विश्वविद्यालय के समक्ष रखने वाला कोई प्रतिनिधि नहीं है. [caption id="attachment_273242" align="aligncenter" width="1280"]alt="" width="1280" height="576" /> अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्य कंचन कुमारी[/caption] अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्य कंचन कुमारी ने कहा कि छात्र संघ चुनाव जरूर होनी चाहिए. विश्वविद्यालय में महिलाओं को मिलने वाली सारी सुविधाएं फिलहाल बंद हैं. महिला शौचालय और महिला सुरक्षा के नाम पर विश्वविद्यालय पूरी तरह से फेल है. विश्व विद्यालय में एक भी महिला सुरक्षाकर्मी नहीं हैं. आये दिन विश्वविद्यालय परिसर में छात्राएं आपस में हाथापाई करती हैं. लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है. विश्वविद्यालय द्वारा हाल में एक महिला हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. लेकिन उस हेल्पलाइन नंबर का प्रचार प्रसार विश्वविद्यालय द्वारा व्यापक पैमाने पर नहीं किया गया. स्पोर्ट्स के क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी नगण्य है. [caption id="attachment_273244" align="aligncenter" width="1280"]
alt="" width="1280" height="576" /> अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता गौरव सिंह[/caption] अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता गौरव सिंह ने कहा कि पीजी, मास कॉम्यूनिकेशन, यूजी, वोकेशनल, नॉन वोकेशनल समेत कई अन्य परीक्षाएं बिना एडमिट कार्ड के विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिए जा रहे हैं. विश्वविद्यालय में मास कॉम्यूनिकेशन की कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं. लेकिन 3 साल बितने पर सुविधाएं नहीं हैं. मास कॉम डिपार्टमेंट में एक स्टूडियो तक विद्यार्थियों के लिए नहीं है. जबकि विश्वविद्यालय मास कॉम के विद्यार्थियों से मोटी फीस वसूल रहा है. कई कक्षाओं में ब्लैक बोर्ड की भी स्थिति खराब है. इसे भी पढ़ें-2014">https://lagatar.in/in-2014-hemant-met-the-martyrs-wife-as-cm-promised-a-job-and-a-petrol-pump-which-has-not-been-received-till-date-lambodar-mahto/">2014
में सीएम रहते हेमंत शहीद जवान की पत्नी से मिले थे, नौकरी व पेट्रोल पंप देने का वादा किया, जो आज तक नहीं मिला : लंबोदर महतो छात्र नेता आनंद कुमार ने कहा कि सीनेट सिंडिकेट के सदस्य पिछले कई वर्षों से खाली हैं. सीनेट और सिंडिकेट के सदस्य नहीं होने से छात्र हित में विश्वविद्यालय द्वारा कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है. वाइस चांसलर अपनी मनमानी से विश्वविद्यालय चलाना चाह रहे हैं. उनकी उपस्थिति भी नगण्य है. [wpse_comments_template]

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