![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/WEB-BANNER-021.jpg)
Garhwa : खेलो झारखंड में जिला स्तर पर गोल्ड और सिल्वर मेडल प्राप्त करने वाले छात्राओं का सोमवार को अनुमंडल मुख्यालय के आर प्लस टू हाई स्कूल रंका में जोरदार स्वागत किया गया. इस अवसर पर प्राचार्य शाहनवाज अख्तर ने कहा कि हमारे बच्चों में खेल की हर कौशल और कला विकसित है. हमारे शारीरिक शिक्षक इन बच्चों को योग्य बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. जिसका ताजा उदाहरण जिला स्तर का खेलो झारखंड है. जहां पर हमारे विद्यालय के अधिकांश बच्चे जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान लाकर विद्यालय का नाम रोशन किया है. बच्चों के हौसले को बढ़ाने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए इस सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है. बच्चों का मनोबला ऊंचा रहेगा तो वह राज्य स्तर पर रांची में आयोजित प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर अपने विद्यालय और प्रखंड का नाम को रोशन कर सकेंगे.
शिक्षक कृष्ण कुमार ने कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा अनमोल धन है, जिसके माध्यम से हमारे बच्चे समाज में अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं. अमित कुमार ने कहा कि राजकीय कृत उच्च विद्यालय की छात्र-छात्राएं पढ़ाई के साथ खेल के क्षेत्र में भी बेहतर कर रही हैं. उम्मीद है कि राज्य स्तर पर रांची में आयोजित खेलो झारखंड प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर जिला और प्रखंड का नाम रोशन करेंगे. इस मौके पर इंद्र नारायण झा, शशिकांत मेहता, सरिता कुमारी, खेल शिक्षक संजीत कुमार के साथ-साथ अन्य शिक्षक उपस्थित थे.
बाल विवाह समाज के लिए अभिशाप : डॉ. कुलदेव चौधरी
रंका : बाल विवाह समाज के लिए अभिशाप है. काफी प्रयास के बाद भी इसमें कमी नहीं आ रही है. हम सभी को मिलकर इस विषय पर सोचना होगा. बाल-विवाह जैसी कुरीतियों को मिटाने के लिए समाज के हर वर्ग के लोगों को आगे आना होगा. लड़के-लड़कियों का विवाह सही समय पर होना चाहिए, ताकि उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने पैरों पर खड़े हो सकें. उक्त बातें रंका चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कुलदेव चौधरी ने राजकीय कृत प्लस टू उच्च विद्यालय, रंका में छात्र-छात्राओं के बीच परिचर्चा कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस कार्यक्रम का आयोजन राज्यव्यापी बाल विवाह से आजादी अभियान के तहत जिला प्रशासन एवं विभागीय आदेश पर किया गया था. श्री चौधरी ने कहा कि इसका उद्देश्य पूरे जिले में जागरुकता अभियान चलाकर भारत को बाल विवाह मुक्त बनाना है. डॉ. चौधरी ने कहा कि लड़कियों को आगे बढ़ने का मौका तभी मिलेगा जब उनकी शिक्षा पूरी होगी. इसके लिए बाल विवाह सबसे बड़ा बाधक है. समय से पहले विवाह होने पर लड़कियों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ता है. विकसित और समृद्ध समाज के निर्माण के लिए हम सभी को इसके खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी. उन्होंने कहा कि 18 साल से कम उम्र में शादी होने से गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान कई स्वास्थ्य जटिलताएं बढ़ने का खतरा होता है. इससे मां के साथ नवजात की जान जाने का भी खतरा होता है. साथ ही कम उम्र में शादी होने से सामाजिक बाध्यता बढ़ जाती है एवं किशोरावस्था में ही मां बनने पर भी मजबूर होना पड़ता है. जिससे सही समय पर परिवार नियोजन साधन अपनाने में भी कमी आती है. बाल विवाह से आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है, जिसका सीधे स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा और जनसंख्या की वृद्धि होने से देश की आर्थिक स्थिति कमजोर होगी.
बीपीएम सुधीर कुमार ने कहा कि कम उम्र में शादी करना दंडनीय अपराध है. इसमें लड़के और उसके माता-पिता को भी दंडित किया जा सकता है. कानूनी प्रावधानों के मुताबिक दो वर्ष की सजा एवं एक लाख जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है. मौके पर डॉ. गोरखनाथ पांडेय, अनिल राम, प्राचार्य, शिक्षकगण सहित काफी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे.
इसे भी पढ़ें : झारखंड के 827 माध्यमिक शिक्षकों को सीएम हेमंत ने सौंपा नियुक्ति पत्र
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/neta.jpg)
Leave a Reply