Ranchi : मनी लॉन्ड्रिंग के चक्कर में फंसी दारोगा मीरा सिंह अपने इलाके में चेन छीनने की घटनाओं पर चर्चा करने के लिए मिठाई दुकान पर जाती थी. अपने पास 9-10 मोबाईल रखती थीं. स्टॉक में निवेश करने के लिए मिठाई वाले से उधार भी मांगती थी. मिठाई वाले की गारंटी पर उसके चाचा दारोगा को लाखों रुपये उधार देते थे. वह भी बिना सूद के. ईडी की जांच में मीरा सिंह के बारे में जानकारी मिली है.
तुपूदाना थाना के तत्कालीन प्रभारी मीरा सिंह के क्षेत्र में मोहित लाल शाहदेव की एक मिठाई की दुकान है. दुकान का नाम मिठाई घर है. वह हमेशा मोहित लाल की मिठाई दुकान पर जाया करती थी. दुकान पर जाने का उद्देश्य मिठाई खाने के बदले क्षेत्र में चेन छीनने की घटनाओं के बारे में जानकारी जुटाना होता था. जांच के दौरान मिठाई वाले ने माना है कि एक बार मीरा सिंह ने स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए 25 हजार रुपये उधार मांगा था. लेकिन उनके पास उस वक्त पैसा नहीं था. इसलिए वह मीरा सिंह को अपने चाचा जयंत नाथ शाहदेव के पास ले गये. मीरा सिंह ने मांगा तो था सिर्फ 25 हज़ार. लेकिन अपने चाचा से उधार दिलाया 2.30 लाख रुपये. वह भी बग़ैर किसी सूद (Interest free loan) के.
मोहित के चाचा जयंत नाथ शाहदेव द्वारा दिये गये कर्ज की रकम के लिए मोहित लाल शाहदेव गारंटर बना था. जबकि गारंटर के पास दारोगा को कर्ज देने के लिए 25 हजार रुपये नहीं थे. लेकिन मीरा सिंह मामले की जांच के दौरान ईडी ने जब मोहित लाल शाहदेव के घर पर भी छापा मारा था, तब उसके घर से नकद 12.52 लाख रुपये जब्त किये गये थे.
जांच के दौरान मोहित नाथ शाहदेव के घर से जब्त 12.52 लाख रुपये नकद के सिलसिले में पूछताछ के दौरान उसने पैसों का स्रोत बताते हुए कहा है कि उनकी और उनके चाचा लाल हरि नाथ शाहदेव की एक जमीन थी. चाचा ने इस जमीन को बेचने से मिले पैसे उसे नकद दिये. क्योंकि उनका (मोहित) का बैंक अकाउंट NPA हो गया है.
छापामारी में जब्त किये गये पैसों में मिठाई दुकान से हुई आमदनी भी शामिल है. मोहित ने घर में भारी नकदी रखने की वजह व्यापारिक गतिविधियों के लिए रोजमर्रे के खर्च को पूरा करना बताया. इसके बाद ईडी ने मोहित के चाचा लाल हरि नाथ शाहदेव से पूछताछ की. लेकिन वह मोहित नाथ शाहदेव के किसी भी तरह से नक़द पैसा देने की घटना से मुकर गये. इससे नकदी के बारे में मोहित द्वारा किये गये दावों की पोल खुल गयी. ईडी ने जांच में पाया कि दारोगा मीरा सिंह ने मोहित को यह रकम लालपुर में एक जमीन खरीदने के लिए दी थी. लेकिन मीरा सिंह ने सरकारी नियमों को उल्लंघन करते हुए इसकी जानकारी राज्य सरकार को नहीं दी थी.
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