Ramgarh: डीएवी बरकाकाना में सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई. इस अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करके विद्यालय के प्राचार्य मोहम्मद मुस्तफा मजिद एवं सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया. हंसराज सदन की ओर से आराध्या वशिष्ठ ने सुभाष चंद्र बोस के जीवनवृत्त पर प्रकाश डाला. वर्ग नवम् की समीक्षा पाठक ने सुभाष चंद्र बोस पर नरेंद्र व्यास की प्रसिद्ध रचना खूनी हस्ताक्षर अपनी ओजपूर्ण लहजे में सुनाया.
इसकी महत्वपूर्ण पंक्ति थी “वह खून कहो किस मतलब का जिसमें उबाल का नाम नहीं, वह खून कहो किस मतलब का आ सके देश के काम नहीं. इसके पश्चात वर्ग षष्ठ के इंद्रजीत सिंह ने देश प्रेम से संबंधित एक गीत गाया. इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य माजिद ने कहा कि देश प्रेम की भावना बहुत ही महत्वपूर्ण होती है. इस तरह के कार्यक्रम बच्चों को देश से जोड़ने का काम करते हैं. बच्चों को यह जानना चाहिए कि किनके त्याग के कारण हमें आजादी मिली. बच्चों के जज्बात के साथ जुड़कर उन्होंने कहा कि सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है जोर कितने बाजू ए कातिल में है.
इसे भी पढ़ें – लॉस एंजिल्स : कास्टेइक झील के पास जंगल में लगी भीषण आग, 8 हजार एकड़ का इलाका चपेट में
हर खबर के लिए हमें फॉलो करें
Whatsapp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q
Twitter (X): https://x.com/lagatarIN
google news: https://news.google.com/publications/CAAqBwgKMPXuoAswjfm4Aw?ceid=IN:en&oc=3