NewDelhi : भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी लगातार विभिन्न मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरते रहे हैं. एक बार फिर स्वामी भारत-चीन (एलएसी) विवाद पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. बता दें कि इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर को शेयर कर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि मोदी सरकार ने देश की जनता से झूठ बोला. सरकार कह रही है कि चीन से विवाद सुलझ गया है पर असलियत कुछ और ही है.
चीनी सेना अभी तक भारत की धरती पर मौजूद है
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के हवाले से स्वामी ने जानकारी दी कि चीनी सेना अभी तक भारत की धरती पर मौजूद है. लेकिन सरकार लगातार इससे इनकार कर रही है. आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश को गुमराह कर रही है. जान लें कि इससे पहले भी स्वामी पीएम मोदी पर सीधा निशाना साध चुके हैं. स्वामी ने मोदी को उस बयान पर सवाल उठाये थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोई आया नहीं, कोई गया नहीं. स्वामी के अनुसार जब कोई आया गया नहीं तो बातचीत क्यों?
9 अप्रैल को चीन व भारत के सैन्य कमांडरों के बीच वार्ता हुई थी
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार 9 अप्रैल को चीन व भारत के सैन्य कमांडरों के बीच 11वें दौर की वार्ता हुई थी. पूर्वी लद्दाख में 11 माह से चल रहा गतिरोध सुलझाने के लिए यह बातचीत हुई. अखबार ने एक सूत्र के हवाले से लिखा है कि चीन ने चार फ्रिक्शन प्वाइंट खाली करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है. सूत्र का कहना है कि चीन ने भारत से कहा है कि पेंगोग इलाके के डिसइंगेजमेंट में जो कुछ हासिल हुआ उससे उसे खुश होना चाहिए.
गोगरा पोस्ट के निकट चीन ने अपनी एक प्लाटून तैनात कर रखी है
हॉट स्प्रिंग के पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और गोगरा पोस्ट के निकट स्थित 17ए पर चीन ने अभी भी अपनी एक प्लाटून तैनात कर रखी है. सेना के वाहन भी वहां मौजूद हैं. मई 2020 में चीन ने तिब्बत में सैन्य अभ्यास कर रहे अपने सैन्य दस्ते को पूर्वी लद्दाख में एलएसी की तरफ भेज दिया था. पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और 17ए ही वह जगह हैं, जहां भारत और चीन के सैनिक एक दूसरे के सामने खड़े हुए थे.
सभी प्वाइंट्स पर चीनी सेना ने एलएसी को पार किया
गलवान घाटी की पीपी 14 और उत्तरी पेंगोग इलाके में भी गतिरोध पैदा हुआ था. सूत्रों के अनुसार सभी प्वाइंट्स पर चीनी सेना ने एलएसी को पार किया. सबसे ज्यादा हलचल पेंगोंग इलाके के उत्तरी किनारे पर देखी गयी थी. वहां चीनी सेना फिंगर 4 पर मौजूद दिखी. यह इलाका फिंगर 8 से 8 किमी पश्चिम में स्थित है.
भारत दावा करता है कि वास्तविक एलएसी यहीं पर है. जान लें कि चीनी स्टडी ग्रुप द्वारा भारत को कुछ प्वाइंट्स पर पेट्रोलिंग का अधिकार दिया गया थ. । इनको पेट्रोलिंग प्वाइंट्स के नाम से जाना जाता है. इंदिरा गांधी जब देश की पीएम थीं. उस समय 1976 में स्टडी ग्रुप की स्थापना हुई थी.