स्वामी ने कहा, कोई भी आदमी मंदिर का मालिक नहीं हो सकता. भगवान स्वयं उसके संरक्षक होते हैं.
NewDelhi : भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी कोरोना संकट समाप्त होने के बाद काशी जायेंगे. काशी(वाराणसी) जाने का मकसद ज्ञानव्यापी का मामले को देखमना है. यह जानकारी स्वामी ने खुद दी है, साथ ही उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समझाने का प्रयास करेंगे.
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आदमी मंदिर का मालिक नहीं हो सकता
बता दें कि लक्ष्मीबाई नलपत के साथ काशी की ज्ञानव्यापी मस्जिद को लेकर चल रहे एक कार्यक्रम में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर कोरोना खत्म होने के बाद काशी जायेंगे. साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री को भी समझाने का प्रयास करेंगे. केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल से भी बात करने की बात कही. स्वामी ने कहा कि कोई भी आदमी मंदिर का मालिक नहीं हो सकता. भगवान स्वयं उसके संरक्षक होते हैं.
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रामसेतु को नेशनल हेरिटेज मॉन्यूमेंट घोषित करने को लेकर पीएम क्लियर नहीं थे
सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया कि रामसेतु को नेशनल हेरिटेज मॉन्यूमेंट घोषित करने को लेकर भी प्रधानमंत्री क्लियर नहीं थे. लेकिन बाद में गडकरी ने इस मामले में हस्तक्षेप कर इसे पूरा करवाया, स्वामी का मानना है कि ज्ञानव्यापी के मुद्दे पर हमें प्रयास करने की जरूरत है. बता दें कि हाल ही में स्वामी ने प्रसिद्ध पर्यटन स्थल डलहौजी का नाम बदलने की मांग हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से की है.
उन्होंने मांग की कि इस पहाड़ी शहर का नाम स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा जाये. इस संबंध में सुब्रमण्यम स्वामी ने राज्यपाल को लिखे गये पत्र में कहा है कि मेरे सहयोगी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट अजय जग्गा की पुरानी मांग पर विचार करते हुए इस शहर का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर कर दिया जाये. स्वामी ने लिखा है कि 1992 में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शांता ने इसे लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया था. लेकिन बाद में वीरभद्र सरकार ने उस नोटिफिकेशन को रद्द कर आदेश को पलट दिया.