NewDelhi : भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर 14वें राउंड की वार्ता की खबरों पर सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार को फिर कठघरे में खड़ा किया है. स्वामी ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या मोदी सरकार को चीन से बेइज्जती करवाने की आदत हो गयी है? खबरें आ रही हैं कि इस सप्ताह सीमा विवाद को लेकर चीन और भारत के बीच बैठक की संभावना है. इसी को लेकर स्वामी ने केंद्र सरकार पर हल्ला बोला है. स्वामी ने ट्वीट किया.
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नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया, कहा, यह यूपी के विकास का एक्सप्रेस-वे है अब तक की सभी बैठकों में अपमान मिला है
क्या मोदी सरकार को चीन से बेइज्जती करवाने की आदत हो गयी है, इसलिए मजे ले रही है? चीन द्वारा हमारे क्षेत्र को हड़पने के बाद 1993 में भारत के किस क्षेत्र पर आपसी सहमति बनी थी? वहां बात करने के लिए क्या है? एक बार हो सकता है ठीक है, लेकिन चीनियों द्वारा अब तक की सभी बैठकों में अपमान मिला है. जान लें कि इससे पूर्व स्वामी ने अफगानिस्तान पर होने वाली बैठक को चीन के मुद्दे से जोड़ते हुए सरकार पर निशाना साधा था. स्वामी का कहना था कि मुख्य मुद्दा भारतीय क्षेत्र पर चीनी कब्जे का है. 18 बार आमने-सामने की बैठकों के बाद भी ये समस्या अनसुलझी है. इसलिए मोदी सरकार को अब केवल एक ही बिंदु पर ध्यान देना चाहिए और वो है चीन को हमारे क्षेत्र से बाहर निकालना.
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अय्यर ने कहा, मुगलों ने इस देश को अपना बनाया, देशभक्त थे बाबर और हुमायूं, जबरन धर्मांतरण की बात गलत लद्दाख में सीमा पर गतिरोध कायम है
पिछले साल से भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर गतिरोध कायम है. गलवान घाटी हिंसा के बाद दोनों पक्षों ने वहां भारी संख्या में सैनिक और हथियार तैनात कर रखे हैं. चीन लद्दाख के अलावा अरुणाचल से लगी सीमा पर भी अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए हैं. बता दें कि कई सेटेलाइट इमेजों से चीन की नापाक हरकतें उजागर हुई हैं इस विवाद को हल करने के लिए लगातार भारत और चीन के बीच वार्ता हो रही है, लेकिन अभी तक ये मामला सुलझ नहीं पाया है. 13 दौर की वार्ता हो चुकी है. लेकिन 13 वें दौर की वार्ता के बाद चीन इस गतिरोध के लिए भारत को जिम्मेदार करार दे रहा है. [wpse_comments_template]
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