Makassar : इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर रविवार की प्रार्थना के दौरान एक रोमन कैथोलिक गिरजाघर के बाहर एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया. इस हमले में कम से कम नौ लोग घायल हो गए. हमले के दौरान गिरजाघर में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. इस बात की जानकारी पुलिस ने दी.
संबंधित एक वीडियो में दक्षिण सुलावेसी प्रांत के मकास्सर शहर में ‘सैक्रेड हार्ट ऑफ जीसस कैथेड्रल’ के प्रवेश द्वार पर जली हुई मोटरसाइकिल के पास मानव शरीर के बिखरे हुए अंग देखे गये. यह हमला ऐसे समय हुआ है. जब दिसंबर में जेमाह इस्लामिया के नेता आरिस सुमरसोनो की गिरफ्तारी के बाद से ही इंडोनेशिया में अत्यधिक सतर्कता बरतने की चेतावनी है.
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प्रार्थना के दौरान धमाके की तेज आवाज आयी – पादरी
कैथोलिक पादरी विलहेल्मस तुलक ने पत्रकारों को बताया कि प्रार्थना के दौरान धमाके की तेज आवाज सुनी गयी. सुबह साढ़े दस बजे जब बम विस्फोट हुआ, तब वह ईस्टर से पहले के पवित्र सप्ताह की शुरुआत के मौके पर प्रार्थना सभा का नेतृत्व कर रहे थे. उन्होंने बताया कि जब विस्फोट हुआ तो गिरजाघर आने वालों का पहला समूह बाहर जा रहा था. जबकि अन्य समूह अंदर आ रहा था.
तुलक ने बताया कि गिरजाघर के सुरक्षाकर्मियों को संदेह है कि मोटरसाइकिल पर आये दो लोग गिरजाघर में प्रवेश करना चाहते थे. उनमें से एक ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया. घायलों में कई सुरक्षाकर्मी और गिरजाघर आने वाले लोग शामिल हैं.
राष्ट्रीय पुलिस प्रवक्ता आर्गो युवोनो ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस दोनों हमलावरों की पहचान करने की कोशिश कर रही है. जिन्होंने शक्तिशाली विस्फोटकों का इस्तेमाल किया. उन्होंने बताया कि पुलिस इस बात की तफ्तीश कर रही है कि क्या उनका संबंध प्रतिबंध जेमाह इस्लामिया के स्थानीय समूह से था.
इंडोनेशिया के आतंकवाद रोधी दस्ते ने कई प्रांतों में करीब 64 संदिग्धों को हिरासत में लिया था. धार्मिक स्थलों पर हमलों की आशंका की खुफिया सूचना मिलने के बाद ये गिरफ्तारियां हुई थीं.
दुनिया का सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया
दुनिया का सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया है. 2002 में बाली द्वीप पर हुए विस्फोटों में 202 लोगों के मारे जाने के बाद से चरमपंथियों से संघर्ष कर रहा है. इस हमले में मारे गए ज्यादातर लोग विदेशी पर्यटक थे. अदालत ने 2008 में जेमाह इस्लामिया पर प्रतिबंध लगाया था और उसके बाद की गयी कार्रवाई में यह समूह कमजोर हो गया था. दूसरे देशों में इस्लामिक स्टेट के हमलों के बाद हाल के वर्षों में एक नया खतरा पैदा हो गया है.
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