Ranchi : अजरबैजान से रांची लाया गया अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील कुमार मीणा को झारखंड एटीएस की टीम ने शनिवार को रामगढ़ कोर्ट में पेश किया. एंटी लैंड माइंस वाहन से भारी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच उसे अपर न्यायिक दंडाधिकारी संदीप बर्मन की अदालत में पेश किया गया. कोर्ट में गैंगस्टर ने साफ कहा कि वह मयंक सिंह नहीं है. इस नाम का कोई और व्यक्ति होगा. कोर्ट में एटीएस और गैंगस्टर के वकील की दलीलें सुनने के बाद उसे रामगढ़ उपकारा भेजने का निर्देश दिया. एटीएस की तमाम दलीलों के बावजूद कोर्ट ने गैंगस्टर की रिमांड नहीं दी.
इंटरपोल की मदद से लाया गया भारत
सीबीआई ने इंटरपोल के माध्यम से अपराधी सुनील कुमार मीणा को अजरबैजान से भारत वापस लाने में सफलता पाई है. सीबीआई ने बताया कि उसकी अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (IPCU) ने एनसीबी-बाकू के साथ मिलकर इस वापसी का समन्वय किया. सुनील मीणा जो खुद को मयंक सिंह के नाम से भी जाना जाता है, झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू गिरोह का सदस्य है. झारखंड पुलिस को पतरातू, भदानीनगर थाने में दर्ज FIR संख्या 175/2022 के तहत उसकी तलाश थी. उस पर व्हाट्सएप के ज़रिए धमकी भरे संदेश भेजकर व्यापारियों, कोयला ट्रांसपोर्टरों और रेलवे ठेकेदारों से जबरन वसूली का आरोप है. भारत के विभिन्न राज्यों में उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
झारखंड पुलिस के अनुरोध पर सीबीआई ने मामले को आगे बढ़ाया
झारखंड पुलिस के अनुरोध पर, सीबीआई ने इस मामले को आगे बढ़ाया और इंटरपोल के माध्यम से 10 अक्टूबर 2024 को सुनील कुमार के खिलाफ एक रेड नोटिस जारी करवाया. इसके बाद, सात जनवरी 2025 को राजनयिक माध्यमों से अजरबैजान के अधिकारियों को प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध भेजा गया.
वापसी की प्रक्रिया
सीबीआई ने इंटरपोल के माध्यम से लगातार फॉलोअप किया और अजरबैजान में सुनील मीणा की जियो-लोकेशन का पता लगाया. आरोपी को वापस लाने के लिए झारखंड पुलिस की तीन सदस्यीय टीम 19 अगस्त को बाकू, अजरबैजान गई. यह टीम 23 अगस्त को सुनील कुमार के साथ अज़रबैजान से CSMIA हवाई अड्डे, मुंबई पहुंची.
इंटरपोल ने 100 से ज़्यादा वांछित अपराधियों को विदेश से भारत वापस लाने में मदद की है.
इंटरपोल चैनलों के माध्यम से सीबीआई भारत में सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में कार्य करती है, जिससे ऐसे मामलों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग संभव हो पाता है.
इंटरपोल और सीबीआई की भूमिका पिछले कुछ सालों में सीबीआई ने इंटरपोल के साथ मिलकर 100 से ज़्यादा वांछित अपराधियों को विदेश से भारत वापस लाने में मदद की है.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.
Leave a Comment