Vinit Upadhyay
Ranchi/ Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों झारखंड हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत के मामले में दिए गए एक आदेश पर फिर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अग्रिम जमानत याचिका पैसा रिकवरी की प्रक्रिया नहीं है. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश पर सवाल उठाते हुए रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इस बात का कोई औचित्य नहीं है कि जमानत के लिए पैसा देना पड़े.
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SC ने एक माह में HC के चार फैसले पर लगायी रोक
पिछले लगभग एक महीने में यह चौथा ऐसा मामला है. जिसमें झारखंड हाईकोर्ट ने विक्टिम कम्पनसेशन (पीड़ित मुआवज़ा) जमा करने की शर्त पर आरोपियों की जमानत अर्ज़ी और अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बदल दिया और उसपर रोक लगा दी.
7.50 लाख सूचक के पास जमा करने की शर्त पर मिली जमानत
ताजा मामला दहेज उत्पीड़न से जुड़ा हुआ है. जिसमें आरोपियों के द्वारा अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई थी. झारखंड हाईकोर्ट ने दहेज की राशि (करीब 7.50 लाख) केस की सूचक के पास जमा करने की शर्त पर आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली. हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच में हुई. इससे पहले तीन ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के उन आदेशों पर रोक लगा दी है,जिसमें हाईकोर्ट ने आरोपियों को पैसे जमा करने की शर्त पर बेल दी थी.
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