Ranchi : सारंडा को सेंक्चुअरी घोषित करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आठ अक्टूबर को सुनवाई होगी. मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की पीठ में इस मामले की सुनवाई होगी. कोर्ट द्वारा 17 सितंबर को दिये गये निर्देश के आलोक में मुख्य सचिव को सुबह 10.30 बजे कोर्ट में हाजिर रहना है.
उल्लेखनीय है कि NGT ने सारंडा के 31468.25 हेक्टेयर क्षेत्रफल को सेंक्चुअरी घोषित करने का आदेश दिया था. लेकिन PCCF ने 57519.41 हेक्टोयर को सेंक्चुअरी घोषित करने का प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा. NGT के आदेश पर कार्रवाई नहीं करने की वजह से यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की सुस्ती पर नाराजगी जताने और वन सचिव को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया. इसके बाद वन सचिव कोर्ट में हाजिर हुए और बिना शर्त माफी मांगी. साथ ही शपथ पत्र दायर कर 57519.41 हेक्टेयर को सेंक्चुअरी घोषित करने के मामले में चल रही प्रक्रिया की जानकारी दी.
कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए WII की रिपोर्ट मिलने के दो महीने के अंदर सेंक्चुअरी घोषित करने का आदेश दिया. 17 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान इस आदेश का अनुपालन नहीं होने की जानकारी मिलने पर कोर्ट ने नाराजगी जतायी और इसे अवमानना माना.
मुख्य सचिव से जवाब तलब किया गया और आठ अक्टूबर को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में यह कहा था कि अगर इससे पहले तक सेंक्चुअरी घोषित कर दिया जाता है तो मुख्य सचिव को सशरीर हाजिर होने से मुक्त कर दिया जायेगा.
लेकिन राज्य सरकार ने सेंक्चुअरी घोषित करने के मामले में मंत्रियों की एक समिति बना दी है. सरकार का मानना है कि 57519.41 हेक्टेयर को सेंक्चुअरी घोषित करने पर लौह अयस्क का पूरा क्षेत्र इसमें शामिल हो जायेगा. इससे राज्य की प्रगति प्रभावित होगी.
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