Ranchi : विभिन्न आदिवासी संगठनों ने सोमवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. इसमें आदिवासी नेता सूर्या नारायण हांसदा की 10 अगस्त को गोड्डा में हुई संदिग्ध मुठभेड़ में मौत की सीबीआई एवं न्यायिक जांच की मांग की गई. संगठनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने इसे मुठभेड़ बताकर सच्चाई छिपाने की कोशिश की है, जबकि यह एक योजनाबद्ध हत्या है.
मुख्य पहान जगलाल पहान ने कहा कि सूर्या नारायण हांसदा हमेशा आदिवासी समाज की आवाज उठाते थे. वे आदिवासियों की शिक्षा, हक-अधिकार, भूमि सुरक्षा और युवाओं के भविष्य की लड़ाई लड़ा करते थे. उनके संघर्ष और बढ़ते जनसमर्थन से घबराकर प्रशासन व प्रभावशाली तत्वों ने साजिश के तहत उन्हें मौत के घाट उतार दिया.
ट्राइब फर्स्ट की संयोजक आरती कुजूर ने कहा कि हांसदा की छवि एक सच्चे जननायक की थी. वहीं, केंद्रीय सरना समिति अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है. आदिवासी आवाज को दबाने का प्रयास किया गया.
संगठनों ने मांग की है कि दोषी पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, परिवार को सुरक्षा मिले, बच्चों की पढ़ाई व परिवार की आजीविका की जिम्मेदारी सरकार उठाए और पर्याप्त मुआवजा दिया जाए. मौके पर जगलाल पहान, बबलू मुंडा, आरती कुजूर, संदीप उरांव, रवि मुंडा, रितेश उरांव समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे.
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