Ranchi : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता खुर्शीद हसन रूमी ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने से राज्य में खालीपन आ गया है. हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद गठबंधन बचाने के लिए चंपई सोरेन को अपना नेता चुन लिया और चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया. 43 विधायकों के हस्ताक्षर के साथ समर्थन पत्र सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि जब महाराष्ट्र में रात को सरकार बन सकती है और बिहार में पांच बजे के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. ऐसे में बहुमत के 43 दावे पर राज्यपाल तत्काल शपथ दिलाएं, अगर देर है तो विधायकों का परेड करा लें. खुर्शीद हसन रूमी गुरुवार को पत्रकारों के प्रश्न पर जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पद राज्य में संवैधानिक प्रमुख होता है, इसमें वे अपने कर्तव्यों का निर्वाह करें. संवैधानिक व्यवस्था के तहत उन्हें तत्काल कदम उठाना चाहिए. ऐसा महसूस हो रहा है कि राज्यपाल भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद भी सरकार नहीं बनाने के कदम से राज्य में सस्पेंस की स्थिती उत्पन्न हो गई है.
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झारखंड में गठबंधन के पास बहुमत है – रूमी
इससे आगे उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने हेमंत सोरेन का इस्तीफा तो स्वीकार कर लिया, लेकिन सरकार बनाने के दावे पर कोई निर्णय नहीं लेना यह दर्शाता है कि वो भाजपा और गृहमंत्री के इशारे पर काम कर रहे हैं. हेमंत सोरेन का इस्तीफा स्वीकार कर राज्य में सरकार बनाने की बात नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है. झारखंड में गठबंधन के पास बहुमत है, ऐसे में फौरन सरकार बननी चाहिए, सरकार बनाने नहीं देना संवैधानिक संस्था को खत्म करने जैसा है. अगर बहुमत के रहते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने जैसी कोई कार्रवाई की गई तो राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति अत्यन्त भयावह हो जायगी. राज्यपाल अविलंब बहुमत का सम्मान करते हुए चंपई सोरेन को सरकार बनाने का न्योता दें.
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