New Delhi : कांग्रेस ने लोकसभा के अपने चार सदस्यों मणिकम टैगोर, टीएन प्रतापन, जोतिमणि और राम्या हरिदास को संसद के मॉनसून सत्र की शेष अवधि के लिए सभा से निलंबित किए जाने को लोकतंत्र को कलंकित करने वाली घटना करार दिया है. कहा कि सरकार उसे झुकाना चाहती है, लेकिन वह झुकने वाली नहीं हैं. लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने चारों निलंबित सदस्यों की मौजूदगी में संवाददाताओं से कहा, सरकार हमारे सांसदों को निलंबित करवा कर हमें धमकाने की कोशिश कर रही है. इन सदस्यों की गलती क्या है? वो तो सिर्फ जनता से जुड़े मामले उठा रहे थे.
सरकार पूरी तरह अहंकार से भरी है
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस झुकने वाली नहीं है. निलंबित सदस्य टैगोर ने कहा कि पिछले छह दिनों से कांग्रेस महंगाई पर चर्चा की मांग कर रही है, लेकिन सरकार पूरी तरह अहंकार से भरी है. उन्होंने आरोप लगाया, यह सरकार आम आदमी और विपक्ष की आवाज नहीं सुनना चाहती है. वह सिर्फ दुनिया के सबसे चौथे अमीर व्यक्ति की आवाज सुनना चाहती है. कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने संवाददाताओं से कहा, संसद की एक परंपरा रही है कि निलंबन बहुत ही विरले मामलों में होता है. अगर कुछ ऐसा हो गया है, जिसमें निलंबन के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है, तो निलंबन किया जाता है.
हिटलर की परंपरा की दिशा में आगे बढ़ रही है सरकार
उन्होंने कहा, लोकसभा और राज्यसभा की परंपरा रही है कि सदस्य आसन के निकट आते हैं और सदन स्थगित होता है. बातचीत होती है और बीच का रास्ता निकलता है. फिर कार्यवाही आगे बढ़ती है. गोहिल ने आरोप लगाया कि सरकार मनमानी करके संसद चलाना चाहती है और वह हिटलर की परंपरा की दिशा में आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा, ‘‘कभी भाजपा के नेताओं ने कहा था कि सदन नहीं चलने देना विपक्ष का हथियार है और सदन चलाने की जिम्मेदारी सरकार की है. अब इस सरकार द्वारा संवाद की बजाय निलंबन की कार्यवाही कराना लोकतंत्र को कलंकित करने वाली घटना है.
गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना भी दिया
निलंबित सदस्यों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना भी दिया. टैगोर ने कहा कि निलंबित सदस्य संसद परिसर में रोजाना विरोध प्रदर्शन करेंगे. लोकसभा में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के दौरान तख्तियां दिखाकर प्रदर्शन करने और आसन की अवमानना करने के मामले में सोमवार को कांग्रेस के चार सदस्यों को चालू सत्र की शेष अवधि के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रस्ताव रखा कि इन चारों सदस्यों के सदन की गरिमा के प्रतिकूल आचरण को देखते हुए इन्हें चालू सत्र की शेष अवधि के लिए कार्यवाही से निलंबित किया जाए. सदन ने ध्वनिमत से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
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