बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री में होगा इजाफा
T+1 नियम लागू करने का मकसद बाजार में खरीद-फरोख्त बढ़ाना है. लोगों को जल्दी पैसा मिलेगा तो वे नये शेयरों में निवेश कर पायेंगे. इससे तेज निपटान होगा. इसके अलावा एक्सचेंजों की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी. इस सिस्टम से कई आपरेशन और मार्केट रिस्क को कम किया जा सकता है. T+1 सेटलमेंट सिस्टम से पे-इन या पे-आउट डिफॉल्ट का रिस्क कम होगा. ट्रेडिंग वॉल्यूम में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी क्योंकि आपके ट्रेडिंग अकाउंट का मार्जिन सिर्फ एक दिन के लिए ब्लॉक होगा. इसे भी पढ़े ; Russia-Ukraine">https://lagatar.in/russia-ukraine-war-indian-students-trapped-in-ukraine-have-taken-refuge-in-the-basements-pleading-for-help-from-pm-modi/">Russia-UkraineWar : यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों ने तहखानों में ली है शरण, पीएम मोदी से मदद की गुहार
T+1 सिस्टम के तहत शुरुआत में 100 कंपनियों के आयेंगे शेयर
शुरुआत में T+1 सेटलमेंट सिस्टम के तहत सिर्फ 100 कंपनियों के शेयर आयेंगे. इन कंपनियों का सेलेक्शन मार्केट वैल्यूएशन के आधार पर होगा. सबसे कम वैल्यूएशन वाली 100 कंपनियों को शुरू में इसका हिस्सा बनाया जायेगा. फिर अगले हर महीने के शुक्रवार को 500 कंपनियों के शेयरों को इस लिस्ट में लाया जायेगा. यह तब तक जारी रहेगा जब तक सभी शेयर नयी व्यवस्था के तहत नहीं आ जाते हैं. इसे भी पढ़े ; यूक्रेन-रूस">https://lagatar.in/ukraine-russia-war-will-affect-the-supply-of-microchip-smartphones-and-cars-can-be-expensive/">यूक्रेन-रूसयुद्ध से माइक्रोचिप की सप्लाई पर पड़ेगा असर, महंगे हो सकते हैं स्मार्टफोन और कार
पहले शेयर बाजार में T+2 सेटलमेंट सिस्टम था
T+1 सेटलमेंट से पहले भारत में T+2 सेटलमेंट सिस्टम था. जिसे सेबी ने 2003 में लायी थी. यानी बाय या सेल के ऑर्डर के 2 दिन में शेयरों का सेटलमेंट पूरा होता था. 2003 से पहले शेयर बाजार में शेयरों के खीरद-बिक्री के निपटान के लिए T+3 सिस्टम था. यानी पहले शेयरों और पैसे को खाते में जमा होने में तीन दिन लग जाते थे. इसे भी पढ़े ; यूक्रेन">https://lagatar.in/after-ukraine-two-questions-who-is-standing-with-india-in-context-of-dispute-with-china-and-pakistan/">यूक्रेनके बाद दो सवाल- चीन व पाक से विवाद के परिप्रेक्ष्य में भारत के साथ कौन खड़ा है? [wpse_comments_template]

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