अफगानिस्तान को पैसे की सख्त जरूरत
तालिबान चीन की मदद से अफगानिस्तान के आर्थिक संकट से निकलने की कोशिश करेगा. बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया है,. लेकिन वर्तमान में अफगानिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. तालिबान को अफगानिस्तान को चलाने के लिए पैसों की सख्त जरूरत है. लेकिन अफगानिस्तान की 10 अरब डॉलर की रकम तालिबान को आसानी से नहीं मिलेगी. क्योंकि अफगानिस्तान बैंक ने ज्यादातर संपत्ति अफगानिस्तान से बाहर रखी है. इसे भी पढ़ें : आरएसएस">https://lagatar.in/rss-slams-it-company-infosys-termed-anti-national/">आरएसएसने आईटी कंपनी Infosys पर हल्ला बोला, राष्ट्रविरोधी और टुकड़े-टुकड़े गैंग की सहयोगी करार दिया
पश्चिमी देशों ने आर्थिक मदद रोकी
पश्चिमी देशों ने अफगानिस्तान को दी जा रही आर्थिक मदद रोक दी है. इसलिए अब तालिबान चीन की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है. जबीउल्लाह का कहना है कि चीन हमारा सबसे महत्वपूर्ण भागीदार है. चीन अफगानिस्तान में निवेश और पुनर्निर्माण के लिए तैयार है. जबीउल्लाह ने कहा, न्यू सिल्क रोड के जरिए चीन व्यापार मार्ग खोलकर अपना वैश्विक प्रभाव बढ़ाना चाहता है. इसे तालिबान द्वारा प्राथमिकता में रखा गया है. साथ ही कहा कि देश में कॉपर की खदानें हैं, जो चीन की मदद से दोबारा आधुनिकीकरण के बाद शुरू हो सकती हैं. चीन दुनिया भर के बाजारों के लिए हमारा PASS है.छात्राएं यूनिवर्सिटी में पढ़ पायेंगी
मुजाहिद ने इस क्रम में स्पष्ट किया कि भविष्य में महिलाओं को यूनिवर्सिटी में पढ़ने की अनुमति दी जायेगी. उन्होंने कहा कि महिलाएं नर्स के रूप में, पुलिस में या मंत्रालयों में सहायक के रूप में काम करने में सक्षम होंगी. लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया कि महिलाओं को कैबिनेट में जगह मिलेगी. इसे भी पढ़ें : सुबह">https://lagatar.in/morning-news-diary-sep-5-9-samvedak-blacklisted-jmm-warns-bjp-congress-vocal-land-bank-ruckus-namaz-hall-assembly-including-other-news-videos/">सुबहकी न्यूज डायरी|5 सितंबर|9 संवेदक काली सूची में|Jmm ने Bjp को चेताया|लैंड बैंक पर कांग्रेस मुखर|विधानसभा में नमाज कक्ष पर बवाल|समेत अन्य खबरें और वीडियो|
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