Arvind Singh
Tamar : केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को तमाड़ के कुड़मी बहुल सात गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा. उक्त निर्णय शनिवार को सात मौजे के महिला-पुरुषों की जोजोडीह में हुई एक दिवसीय कुड़मी विकास मोर्चा के सम्मेलन में ली गयी. आक्रोशित ग्रामीणों ने इस दौरान अर्जुन मुंडा मुर्दाबाद के नारे लगाए. यह आक्रोश पिछले दिन अर्जुन मुंडा द्वारा कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति की सूचि में शामिल नहीं करने से बढ़ी है.
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कुडमियों से भेदभाव करने का आरोप
इस निर्णय को अर्जुन मुंडा पर कुडमियों से भेदभाव करने का आरोप भी मढा है. मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने अपने संबोधन में कहा कि कुड़मी जाति को जनजातिय सूची में शामिल करने के सभी मौजूद प्रमाण तथा आधार रहने के बाद भी अर्जुन मुंडा ने रुचि नहीं ली. उन्होंने कहा कि कुडमियों के विरोधियों की पहचान कर सबक सिखाने का वक्त आ गया है. मोर्चा के संरक्षक दानी सिंह महतो ने केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि इनके मुख्यमंत्रित्व काल 2004 में इन्ही के द्वारा आदिवासी सूचि में शामिल होने के पुख्ता आधार मानते हुए कुड़मी जाति को जनजातीय कोटि में सूचीबद्ध करने के लिए सदन से अनुशंसा की गयी थी.
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विधान सभा से अनुमोदन भी किया गया था
इसका झारखण्ड विधान सभा से अनुमोदन भी किया गया था और केंद्र सरकार को भेज दिया गया था. इस सम्मेलन की अध्यक्षता करम सिंह महतो ने की. सभा को कुड़मी समाज के रैदास महतो, फुलचन्द महतो, मुक्तिपद महतो, बिंदु देवी, हरे कृष्ण महतो, राधाई महतो, कालीचरण महतो, विशेश्वर महतो, प्रह्लाद महतो,कमलाकांत महतो, पंचानन महतो, योगेश्वर महतो आदि ने भी संबोधित किया.
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