Chennai : असम और पश्चिम बंगाल समेत देश के कुछ हिस्सों की जनसंख्या में तेजी से बदलाव हो रहा है. आबादी का बदलाव टाइम बम की तरह है. हमें इसका समाधान तलाशना होगा. तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने इसे लेकर गंभीर चिंता जताई है.
उन्होंने महाराष्ट्र, तमिलनाडु आदि राज्यों में भाषा को लेकर छिड़े विवाद पर भी अपनी बात रखी. राज्यपाल गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी के छात्रों और फैकल्टी मेंबर्स को मंगलवार को संबोधित कर रहे थे.
आरएन रवि ने कहा कि यह भारत की संस्कृति नहीं है कि भाषा के नाम पर लड़ाई की जाये. कहा कि किसी को भी किसी पर भाषा नहीं थोपनी चाहिए. श्री रवि ने कहा कि इस देश ने हमेशा बाहरी हमले झेले हैं.
उन्होंने कहा कि 1947 में देश के विभाजन को लेकर कहा कि यह आंतरिक अशांति के कारण हुआ था. एक विचारधारा को मानने वाले लोगों ने कहा कि हम दूसरे लोगों के साथ नहीं रह सकते. इस विचारधारा के विवाद के कारण देश बंट गया.
राज्यपाल ने पूछा कि क्या किसी को असम, पश्चिम बंगाल और पूर्वांचल (उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्से) में जनसंख्या में हुए बदलावों की चिंता है, जो पिछले 30-40 सालों में हुआ. क्या किसी को कोई अंदाजा है कि आने वाले 50 सालों में इन इलाकों क्या होगा?’
राज्यपाल आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि हमें इन इलाकों में बढ़ती संवेदनशील जनसांख्यिकी और उसके भविष्य पर अध्ययन करना चाहिए. यह समस्या टाइम बम है. हमें यह सोचना होगा कि भविष्य में हम इस समस्या से कैसे निपटेंगे.
किसी भी देश की सैन्य शक्ति आंतरिक अशांति से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं होती. राज्यपाल ने कहा कि यदि सोवियत संघ की सैन्य शक्ति आंतरिक समस्याओं से निपटने के लिए पर्याप्त होती तो 1991 में उसका विघटन नहीं होता.
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