Ranchi : राजधानी की सड़कों पर इन दिनों वाहनों की नंबर प्लेट के साथ खुलेआम छेड़छाड़ की जा रही है. खासकर युवाओं में यह चलन तेजी से बढ़ रहा है. कोई बाइक की नंबर प्लेट पर ब्लैक टेप चिपका देता है, तो कोई अंकों को बदल देता है. वहीं कुछ गाड़ी से नंबर प्लेट ही गायब कर देते हैं. वाहनों की नंबर प्लेट से करने का मकसद ट्रैफिक सिग्नल पर लगे कैमरे और चालान कटने से बचना है.
रोजाना मिलते हैं 10–20 वाहन, कानून के रक्षक ही नियमों की उड़ा रहे धज्जियां
शहर की सड़कों पर प्रतिदिन 10–20 ऐसी गाड़ियां आसानी से देखी जा सकती हैं, जिनकी नंबर प्लेट में जानबूझकर गड़बड़ियां की गई है. चौंकाने वाली बात यह है कि नंबर प्लेट से छेड़छाड़ का यह खेल केवल आम लोगों तक सीमित नहीं है. कई पुलिसकर्मियों भी ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. उनकी बाइकों पर भी नंबर प्लेट में गड़बड़ी देखी जा सकती है. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि जब कानून के रक्षक ही नियमों को तोड़ेंगे, तो आम लोग क्या करेंगे.
नंबर प्लेट से छेड़छाड़ करना अपराधियों के लिए बन चुका है हथकंडा
नंबर प्लेट से छेड़छाड़ केवल चालान से बचने का जरिया नहीं, बल्कि यह अपराधियों के लिए एक हथकंडा भी बन चुका है. चोरी, लूट या छिनतई जैसी घटनाओं में ऐसी गाड़ियों का इस्तेमाल बढ़ गया है. जिसकी वजह से वारदातों के बाद इन वाहनों की पहचान करना बेहद मुश्किल हो जाता है. कई मामलों में अपराधी वारदातों को अंजाम देने के बाद आसानी से भाग निकलते हैं और पुलिस उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाती.
नंबर प्लेट से छेड़छाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जरुरत
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर प्रशासन ने इस पर सख्त कदम नहीं उठाए तो आगे बड़ी घटनाओं को रोक पाना मुश्किल होगा. केवल कागजों पर चालान या औपचारिक जांच करने से समस्या का हल नहीं निकलेगा. जरूरत है कि जमीनी स्तर पर कार्रवाई हो, सख्त चेकिंग अभियान चलाया जाए और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई की जाए.
अब देखना यह है कि ट्रैफिक पुलिस और जिला प्रशासन इस गंभीर मुद्दे को लेकर क्या कदम उठाते हैं. अगर जल्द ही ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो रांची की सड़कें अपराधियों के लिए और भी सुरक्षित ठिकाना बन जाएंगी.
Leave a Comment