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तांतनगर : जंगल में उगी झाड़ियों का जड़ ग्रामीणों के लिए बना आय का स्त्रोत

Tantnagar (Ganesh) : जंगल में उगने वाली झाड़ी का जड़ आय का स्त्रोत बन गया है. इसे सप्ताहिक बाजारों में बेच कर कई परिवार अपना भरण पोषण कर रहे है. दरअसल जंगल में उगने वाली झाड़ी को पहचान कर उसकी जड़ को उखाड़ा जाता है. विशेषज्ञों का मामना है कि गर्मी में जड़ से बनी लस्सी पिने से लू नहीं लगता है.लोग जंगल में उगी झाड़ी को पहचान कर उसके जड़ को उखाड़ते हैं. उखाड़ने के बाद एक सप्ताह तक धूप में उसे सुखाया जाता हैं. सुखने बाद बाजारों में बेचा जाता है. बाजार में बेच रहे सोनाराम बाडरा, चांदरी बाडरा, गोमा सामड बताते है कि जड़ को जंगल से लाकर सुखाते हैं सुखाने के बाद जड़ को बाजार में बेचते है. इसे भी पढ़ें :घाटशिला">https://lagatar.in/ghatshila-youth-commits-suicide-by-jumping-into-swarnrekha-river/">घाटशिला

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एक मुट्ठी जड़ का दाम 100 रुपये

एक मुट्ठी जड़ का दाम 100 रुपये तक है. तांतनगर में गुरुवार को सप्ताहिक हाट, शुक्रवार को भरभरिया व मंगलवार को चाईबासा, शनिवार को झींकपानी बाजार में बेचते हैं. जड़ बेचने से अच्छी आमदनी होती है. जड़ बेच कर ही परिवार का भरण पोषण कर रहे है. उन्होंने बताया कि जड़ को सुखाने के बाद कुट कर चूर्ण बनाया जाता है. उसे चावल के चूर्ण के साथ मिलाया जाता है. छोटे-छोटे आकार में बनाकर धूप में सुखा दिया जाता है. सुखने के बाद एक माह तक खराब नहीं होता है. इससे हड़िया बनाने में भी प्रयोग किया जाता है. इसे भी पढ़ें :बहरागोड़ा">https://lagatar.in/baharagora-b-ed-semester-1-examination-conducted-malpractice-free/">बहरागोड़ा

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