Lagatar Desk: सोशल मीडिया पर पुरानी और फर्जी फोटो शेयर करके झूठ और नफरत फैलाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ताजा मामला तारिक फतह द्वारा 17 दिसंबर को ट्वीट की गई एक फोटो है. ठहरे हुए यातायात की इस फोटो में उन्होंने लिखा- “शुक्रवार की नमाज के लिए भारत में एक राजमार्ग पर यातायात बाधित. यह इबादत नहीं बल्कि दूसरों को डराने के लिए संख्या का प्रदर्शन है. इन्हें निर्धारित स्थान पर जाने को कह दें, तो इसे ‘भेदभाव‘ करार दिया जाएगा.“
Blocking traffic on a highway in India to perform Friday prayers . This doesn’t seem to me as a prayer; it’s a demonstration of numbers to intimidate others. Any attempt to ask them to move to designated prayer spaces will be labelled ‘discrimination’. pic.twitter.com/mmz4JLMApz
— Tarek Fatah (@TarekFatah) December 17, 2021
तारिक फतह मूलतः पाकिस्तानी हैं, जो कनाडा में बस गए हैं. वह अक्सर भारत में सक्रिय दिखते हैं. वह मोदी समर्थकों में लोकप्रिय हैं. मीडिया के एक हिस्से द्वारा उन्हें खूब तरजीह दी जाती है. उनके विवादित बयानों को भी खूब सराहना मिलती है.
17 दिसंबर को तारिक फतह के ट्वीट को भी भाजपा समर्थकों को खूब लाइक, शेयर और कमेंट किया. यहां तक कि भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी उसे रीट्वीट किया.
लगातार डॉट कॉम की टीम ने इस ट्वीट का फैक्ट चेक किया. तारिक फतह ने इसे भारत के एक राजमार्ग की फोटो बतायी थी. यह नहीं लिखा कि यह किस राज्य के किस शहर की फोटो है. इसमें उन्होंने तारीख भी नहीं बताई. हालांकि 17 दिसंबर को शुक्रवार होने के कारण ज्यादातर लोगों ने इस फोटो को इसी दिन का समझा.
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हमने फोटो को जूम करके देखा तो बस पर स्पष्ट लिखा मिला- बीआरटीसी, यानी बांग्लादेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन. फिर हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च करके इस फोटो की सच्चाई का पता लगाना चाहा. हमने पाया कि पांच दिन पहले सबरीना आबिद ने इसी फोटो को ट्वीट किया था. उसमें इसे बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक सुदूर इलाके में ‘बिस्वा इज्तेमा‘ की फोटो बतायी गयी है. यह एक सालाना और बड़ा मजहबी आयोजन होता है.
पुराने ट्वीट में यही फोटो शेयर किए जाने, बस पर ‘बीआरटीसी‘ लिखा होने और तारिक फतह द्वारा इस फोटो के लोकेशन पर चुप्पी से मामला स्पष्ट है. एक समुदाय विशेष को लक्ष्य करके ऐसी फर्जी फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर करना भारत के मौजूदा कानूनों की विभिन्न धाराओं के तरह गंभीर अपराध है. क्या तारिक फतह के खिलाफ उन धाराओं के तहत कार्रवाई होगी? ऐसी पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का दायित्व किसका है? क्या राजनीतिक वजहों से तारिक फतह को भारत में नफरत और अशांति फैलाने की खुली छूट दी गई है ?
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और हां, सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की छवि एक अध्ययनशील और गंभीर राजनेता की है. क्या उन्हें यह पता नहीं कि ‘भारत‘ के एक राजमार्ग की तथाकथित फर्जी फोटो शेयर करके वह देश में नफरत और जहर घोलने में ही मदद कर रहे हैं. दूसरों के ऐसे पोस्ट पर आपत्ति करने के बजाय उसे रीट्वीट करना इन राजनेताओं के अगंभीर रवैये की निशानी है. केंद्र और प्रमुख राज्यों में सत्तारूढ़ भाजपा के सांसदों द्वारा देश में अशांति को न्यौता देना बेहद आत्मघाती कदम है.
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