NewDelhi : उजबेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 150वीं सभा का आयोजन किया गया. इसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में भाग लिया. प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा व लोकसभा के सदस्य शामिल थे.
प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने अपने विचार रखते हुए भारत सरकार द्वारा जवाबदेही को बेहतर बनाने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सशक्त करने के लिए उठाये गये विभिन्न कदमों को रेखांकित किया. वे आईपीयू संकल्पों और निर्णयों के क्रियान्वयन के संबंध में आयोजित विशेष सत्र में बोल रहे थे,
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बच्चों के साथ दुर्व्यवहार, शोषण, तस्करी, और हिंसा के विरुद्ध एक व्यापक रणनीति लागू की है, जिसके अंतर्गत द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये है. कहा कि इन मुद्दों से निपटने के लिए बहुपक्षीय पहलों में भागीदारी की गयी है.
कहा कि भारत ने सशक्त संसदीय लोकतंत्र, स्वतंत्र न्यायपालिका और निर्वाचन आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक जैसे संस्थानों की स्थापना हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए की है.
इसके अलावा उपसभापति हरिवंश सभा की मुख्य कार्यवाही और गवर्निंग काउंसिल की बैठक का भी हिस्सा बने. अपने पांच दिवसीय ताशकंद दौरे में उपसभापति ने विभिन्न देशों के पीठासीन अधिकारियों और राष्ट्राध्यक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें की.
राज्यसभा के उपसभापति और लोकसभा अध्यक्ष ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव से भी शिष्टाचार भेंट की. बैठक में उन्होंने दोनों देशों के गहरे संबंधों को रेखांकित किया साथ ही भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ बनाने पर बल दिया. बता दें कि भारत उज्बेकिस्तान की स्वतंत्रता के बाद उसकी राज्य संप्रभुता को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था, जिसे 18 मार्च, 1992 को राजनयिक संबंधों की स्थापना द्वारा औपचारिक रूप दिया गया.
सम्मेलन में उपसभापति और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आर्मेनिया, कज़ाख़िस्तान, उज्बेकिस्तान सहित अन्य देशों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं. बैठकों में पीठासीन अधिकारियों ने अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ साझा हितों से जुड़े दृष्टिकोणों पर चर्चा की.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ताशकंद में स्थित पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की स्मृति स्थल का भी दौरा किया.
हरिवंश भारतीय प्रवासियों और समरकंद स्टेट यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ विभिन्न सामुदायिक कार्यक्रमों में शामिल हुए, उन्होंने दोनों देशों के बीच सेतु के रूप में कार्य करनेवाले भारतीय समुदाय के महत्व को दोहराते हुए कहा, जन-से-जन का जुड़ाव हमारे टिकाऊ संबंधों की आत्मा है.
कहा कि शिक्षा इस संबंध को प्रगाढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. उपसभापति हरिवंश ने कहा, मुझे अत्यधिक गर्व है कि उज्बेकिस्तान की 15 विश्वविद्यालयों में भारत अध्ययन केंद्र की स्थापना हुई है, जो भारत की समृद्ध संस्कृति और भाषाओं के अध्ययन को समर्थन देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में सांसद भर्तृहरि महताब, अनुराग सिंह ठाकुर, विष्णु दयाल राम, अपराजिता सारंगी, डॉ सस्मित पात्रा, अशोक कुमार मित्तल, किरण चौधरी, लता वानखेड़े, बिजुली कालिता मेधी, उत्पल कुमार सिंह महासचिव लोकसभा और पीसी मोदी महासचिव राज्यसभा शामिल थे.
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