- ईडी को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा
कल्याण की फिल्म ‘उस्ताद भगत सिंह’ का पोस्टर आउट, शेयर किया पोस्ट ईडी ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने स्थगन आदेश का विरोध करते हुए तर्क दिया कि मामले में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का भ्रष्टाचार शामिल है और इसमें ईडी का हस्तक्षेप उचित था,. एजेंसी ने कहा कि उसने अपनी कार्रवाई इसलिए की, क्योंकि शराब की बोतलों की कीमतें जानबूझकर ज्यादा रखी गईं और उससे गलत तरीके से पैसा कमाया गया. यह सब "धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA)" कानून के तहत गलत माना जाता है. आईएएस अधिकारी सहित कई के ठिकानों पर की छापेमारी ईडी ने आईएएस अधिकारी एस विसाकन सहित TASMAC अधिकारियों से जुड़े विभिन्न परिसरों पर व्यापक तलाशी शुरू की थी, जो वर्तमान में प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत हैं. उनके मनपक्कम स्थित आवास और चेन्नई में बेसेंट नगर, अन्ना सलाई, टी नगर और तेनाम्पेट सहित कई स्थानों पर छापे मारे गए. फिल्म निर्माता आकाश भास्करन के घर की भी तलाशी ली गई, हालांकि कोई आधिकारिक लिंक नहीं बताया गया. इसे भी पढ़ें : देवघर">https://lagatar.in/deoghar-suspicious-death-of-youth-in-police-custody-angry-people-blocked-the-road/">देवघर
: पुलिस हिरासत में युवक की संदिग्ध मौत, आक्रोशितों ने किया सड़क जाम विसाकन ने पहले भेजे गये समन को किया नजरअंदाज विसाकन से ईडी अधिकारियों ने घंटों पूछताछ की और उन्हें उनकी पत्नी के साथ पूछताछ के लिए ईडी के नुंगमबक्कम कार्यालय ले जाया गया. एजेंसी ने दावा किया कि विसाकन ने पहले भेजे गये समन को नजरअंदाज कर दिया था. इससे पहले मार्च में ईडी ने तमिलनाडु में टीएएसएमएसी के मुख्यालय, शराब बनाने वाली कंपनियों और डिस्टिलरी पर भी छापे मारे थे. हाईकोर्ट ने ईडी की कार्रवाई को बरकरार रखा था मद्रास हाईकोर्ट ने पहले टीएएसएमएसी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें ईडी की तलाशी को अवैध घोषित करने की मांग की गयी थी. मद्रास हाईकोर्ट ने ED की कार्रवाई को वैध ठहराया था. सुप्रीम कोर्ट के स्टे आदेश के बाद अब ईडी के जवाब आने तक आगे की सभी कार्यवाहियों पर रोक लगा दी गयी है.