Jamshedpur : सोनमर्ग, जम्मू-कश्मीर में ग्रीनटेक फाउंडेशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय ग्रीनटेक सेफ्टी कल्चर एंड एनर्जी समिट-2021 के दौरान टाटा स्टील के ओर, माइंस ऐंड क्वैरी (ओएमक्यू) डिवीजन को प्रतिष्ठित ’ग्रीनटेक एनर्जी कंजर्वेशन अवार्ड 2021’ से सम्मानित किया गया. दो दिवसीय सम्मेलन में ऊर्जा संरक्षण, ऊर्जा दक्षता, पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित ऊर्जा, विद्युत, प्रशासन के अधिकारियों, पर्यावरण पेशेवरों, नियामक प्राधिकरणों और उद्यमियों ने हिस्सा लिया.
खनन स्थानों में आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण में सामंजस्य जरूरी
डी बी सुंदर रामम, वाईस प्रेसिडेंट, रॉ मैटेरियल्स, टाटा स्टील ने पुरस्कार पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि ओएमक्यू डिवीजन में ऊर्जा संरक्षण और नवोन्वेषी पर्यावरण प्रबंधन अभ्यासों को अपनाने की दिशा में हमारे प्रयासों को मान्यता मिलना हमारे लिए बड़े सम्मान और गर्व की बात है. हम अपने सभी खनन स्थानों में आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण में सामंजस्य स्थापित करने के लिए जिम्मेदार खनन की अवधारणा को लागू कर रहे हैं. एक जिम्मेदार कॉर्पाेरेट के रूप में हम बेहतर कल के लिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट की दिशा में काम करना जारी रखेंगे.
सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना सहित कई कार्य किए
टाटा स्टील ओएमक्यू डिवीजन की ओर से संजय कुमार रॉय, हेड पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन, ओएमक्यू डिवीजन, टाटा स्टील ने प्रमोद कुमार सिंह, सीनियर मैनेजर (ईईआई), इक्विपमेंट ऐंड मेंटेनेंस, नोआमुंडी व काटामाटी, टाटा स्टील के साथ धर्म पाल, आईएएस (चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार) और कमलेश शरण, फाउंडर व सीईओ, ग्रीनटेक फाउंडेशन से यह पुरस्कार ग्रहण किया. समिट के दौरान संजय कुमार रॉय, हेड पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन, ओएमक्यू डिवीजन, टाटा स्टील ने ’ओएमक्यू डिवीजन में टाटा स्टील द्वारा उठाए गए ऊर्जा संरक्षण के कदम’ पर एक पेपर भी प्रस्तुत किया. टाटा स्टील के ओएमक्यू डिवीजन को ऊर्जा संरक्षण में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए यह पुरस्कार मिला. यह पुरस्कार ऊर्जा संरक्षण में डिवीजन द्वारा किए गए कई ठोस और अभिनव प्रयासों को प्रतिबिंबित करता है, जिसमें कार्बन फुटप्रिंट को कम करने एवं सस्टेनेबल तरीके से बिजली उत्पन्न करने के लिए तीन मेगावाट वाले सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना तथा समुदाय के लिए सौर संचालित ट्यूबवेल की स्थापना, हैवी अर्थ मूविंग मशीनरी में एयर कंडीशनिंग सिस्टम चलाने के लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में डीजल के बदले बैटरी का उपयोग, प्रोसेसिंग प्लांट में वीवीएफ ड्राइव और ऊर्जा कुशल मोटरों की स्थापना आदि शामिल है.