NewDelhi/Kolkata : पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गयी है. खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने ED और CBI की पूछताछ पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को करेगा. तब तक ED और CBI अभिषेक से पूछताछ नहीं कर सकेंगी.
Supreme Court agrees to list TMC general secretary Abhishek Banerjee’s plea on April 24; grants interim relief by staying Calcutta High Court’s order which directed investigating agencies to question him, till the next date of listing.
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— ANI (@ANI) April 17, 2023
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CBI-ED अफसरों पर कोई FIR ना किया जाये
जान लें कि इसी 13 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय का आदेश था कि जरूरत पड़ने पर ED और CBI अभिषेक से पूछताछ कर सकती हैं. हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि जांच जल्द की जाये. साथ ही बंगाल पुलिस को आदेश दिया था कि मामले की जांच कर रहे CBI-ED अफसरों पर कोई FIR ना किया जाये.
ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुनवाई के बाद CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सोमवार को दोनों आदेशों पर स्टे लगा दिया.
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कलकत्ता हाईकोर्ट के जज गंगोपाध्याय उनको डिस्लाईक करते हैं
अभिषेक बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि कलकत्ता हाईकोर्ट के जज गंगोपाध्याय उनको डिस्लाईक करते हैं. उदाहरण दिया कि पिछले साल सितंबर में एक न्यूज चैनल के समक्ष अपनी नापसंदगी जाहिर की थी. कहा कि जस्टिस गंगोपाध्याय ने ओपन कोर्ट में मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के जजों को लेकर कमेंट किया था कि सुप्रीम कोर्ट के जज जो चाहें कर सकते हैं? क्या यह जमींदारी है?
कुंतल घोष का आरोप, अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है
इससे पूर्व अभिषेक बनर्जी ने 29 मार्च को आरोप लगाया था कि एजेंसियों की कस्टडी में लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे घोटाले में मेरा नाम ले लें. इस केस के आरोपी कुंतल घोष ने भी आरोप लगाया था कि उस पर अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.
कुंतल घोष को ED ने गिरफ्तार किया था. ED को उसकी कस्टडी मिली थी. इसी क्रम में 20 -23 फरवरी तक CBI की कस्टडी में घोष को भेजा गया था. कुंतल घोष ने CBI के खिलाफ आरोप लगाते हुए निचली अदालत के जज को पत्र लिखा था.
इस पर कलकत्ता हाईकोर्ट का कहना था कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि कहीं कुंतल घोष ने अपनी बात अभिषेक बनर्जी की स्पीच से प्रभावित होकर तो नहीं कही. इसे लेकर कहा था कि CBI-ED जब चाहे अभिषेक से पूछताछ कर सकती है.
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