भरी जिंदगी में वक्त निकाल कर खुद के स्वास्थ्य पर ध्यान दें : राज्यपाल)
डायन-बिसाही वाली समस्या नासूर की तरह आज भी जिंदा
राजीव सिन्हा ने बताया कि वर्तमान समय में भी झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में डायन-बिसाही के नाम पर निर्दोष महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है. उनकी हत्या तक कर दी जाती है. यह समस्या नासूर की तरह आज भी जिंदा है. अखबारों में आये दिन इस प्रकार की खबरें भी प्रकाशित होती रहती हैं. नागपुरी फिल्म नासूर इन समस्याओं को ही उजागर करती है. नासूर फिल्म समाज को जागरूक करने वाली और प्रेरणादायी फिल्म है. इसे भी पढ़ें : गुमला">https://lagatar.in/gumla-rape-with-minor-tribal-girl-case-registered/">गुमला: नाबालिग आदिवासी छात्रा के साथ दुष्कर्म, हुई गर्भवती, मामला दर्ज
फिल्म का प्रदर्शन गांव-गांव तक करने के लिए सरकार से मांगी मदद
निर्देशक राजीव सिन्हा ने कहा कि सीमित संसाधनों के जरिये इस फिल्म का निर्माण झारखंड के ही कलाकारों एवं टेक्नीशियन को लेकर किया गया है. कड़ी मशक्कत के बाद फिल्म रांची के जेडी सिनेमा हॉल में लगायी गयी, जो लगातार तीन सप्ताह तक चली. इस फिल्म को दर्शकों ने बहुत सराहा, बेहद पसंद किया और अपना प्यार भी दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान समय में झारखंड के अन्य जिलों में सिनेमा हॉल काफी संख्या में बंद हो चुके हैं. जिसकी वजह से इस फिल्म का प्रदर्शन संभव नहीं हो पा रहा है. उन्होंने राज्य सरकार से मदद करने का अनुरोध किया ताकि इस फिल्म का प्रदर्शन झारखंड के गांव-गांव तक हो सके तथा समाज में व्याप्त डायन-बिसाही जैसी कुरीति से समाज को जागरुक किया जा सके. इसे भी पढ़ें : पीएम">https://lagatar.in/jayanti-pm-modi-pays-tribute-to-bal-gangadhar-tilak-and-chandrashekhar-azad/">पीएममोदी ने जयंती पर बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद को नमन किया [wpse_comments_template]
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