Vaisahali : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों का प्रचार अभियान जारी है. इस दौरान कई प्रत्याशियों और प्रचार करने पहुंचे नेताओं को नाराज जनता के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है.
इसी कड़ी में जनशक्ति जनता दल (JJD) के प्रत्याशी जय सिंह राठौर के समर्थन में गुरुवार को चुनावी सभा करने महनार पहुंचे लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा.
जेजेडी की जनसभा में तेजस्वी यादव जिंदाबाद और लालटेन छाप जिंदाबाद के नारे लगाये गए. इतना ही नहीं भीड़ ने तेज प्रताप यादव के काफिले को खदेड़कर भगाया. JJD ने राजद उम्मीदवार रविंद्र सिंह पर साजिश करने का आरोप लगाया है.
सभा में हंगामा, समर्थकों ने खदेड़ा
जानकारी के अनुसार, तेज प्रताप यादव महनार के हीरानंद उच्च विद्यालय परिसर में जनसभा को संबोधित कर रहे थे. जैसे ही उन्होंने भाषण खत्म किया, आरजेडी समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी. माहौल इतना गर्म हो गया कि भीड़ ने तेज प्रताप के काफिले को कुछ दूरी तक खदेड़ दिया.
तेज प्रताप हेलीकॉप्टर से महनार पहुंचे थे, लेकिन तकनीकी कारणों से उन्हें सड़क मार्ग से सभा स्थल जाना पड़ा. सभा के बाद जब वे वापस महुआ लौट रहे थे, तभी विरोध की यह घटना हुई.
JJD उम्मीदवार ने लगाया साजिश का आरोप
JJD उम्मीदवार जय सिंह राठौर ने इस घटना को राजद उम्मीदवार रविंद्र सिंह की “साजिश” बताया है. उनका कहना है कि सभा के दौरान सब कुछ ठीक था, लेकिन लौटते वक्त आरजेडी कार्यकर्ताओं ने जानबूझकर हंगामा किया.
राठौर ने आरोप लगाया कि रविंद्र सिंह ने 15-16 करोड़ रुपये देकर टिकट खरीदा है और चुनाव में करोड़ों रुपये खर्च कर दारू और पैसा बांटने की तैयारी में हैं. उन्होंने कहा कि अगर जीत नहीं मिलती, तो ऐसे हमले करवा कर जंगलराज कायम करना चाहते हैं. राठौर ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग भी की है.
लालू परिवार में फिर बढ़ा तनाव
तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच मतभेद पहले से चर्चा में हैं. हाल ही में तेज प्रताप ने ‘जननायक’ बयान को लेकर छोटे भाई तेजस्वी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि तेजस्वी यादव खुद को जननायक बता रहे हैं.
जबकि असली जननायक वो होते हैं जो जनता के बीच जाकर काम करते हैं. जैसे लालू प्रसाद यादव, कर्पूरी ठाकुर, डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी. इससे पहले तेज प्रताप ने यह भी कहा था कि अगर तेजस्वी उनके महुआ क्षेत्र में प्रचार करने आए, तो वे भी राघोपुर जाकर प्रचार करेंगे.
इस घटना के बाद तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव में तनाव और बढ़ सकता है. इसका असर लालू परिवार में भी देखने को मिल सकता है.
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