तेजस्वी ने आरोप लगाया कि उनके 17 महीने के कार्यकाल में दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के लिए बढ़ाये गये 65% आरक्षण को बीजेपी-एनडीए की केंद्र सरकार ने संविधान की नौवीं अनुसूची में नहीं डाला, जिससे यह मुद्दा न्यायालय में फंस गया है.
उन्होंने आगे कहा कि बिहार में 35,000 से अधिक प्रक्रियाधीन नौकरियों में 65% आरक्षण के लागू नहीं होने के कारण अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को 16% आरक्षण का सीधा नुकसान हो रहा है. इसके परिणामस्वरूप 50,000 से अधिक युवाओं को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है.
तेजस्वी ने सभी से एकजुट होकर "आरक्षण चोर" बीजेपी-एनडीए को सबक सिखाने की अपील की.
https://twitter.com/yadavtejashwi/status/1894591467760279718
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