हेमंत सोरेन, गुरुजी और झामुमो से मुकाबला करना है तो राजनीतिक कार्यक्रम तय करें, पत्थरबाज और बोतलबाज कार्यक्रम नहीं
Ranchi : झामुमो ने भाजपा के सचिवालय मार्च और घटित हुई घटना पर कड़ा प्रहार किया है. झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि मंगलवार को धुर्वा में दो तरह का हाट लगा था. एक शालीमार बाजार हाट और एक प्रभात तारा मैदान में भाजपा का हाट. दोनों के हाट के चरित्र में काफी अंतर था. शालीमार हाट में जहां शालीनता थी, भाईचारा था. वहीं प्रभात तारा के मैदान के भाजपा के हाट में सामाजिक विद्धेष, सांप्रदायिक रंग थे. राजनीतिक कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं के हाथ में तख्तियां होती है, मुंह में नारे होते हैं. मगर भाजपा कार्यकर्ताओं के हाथ में पत्थर, पानी की बोतल और मुंह में सांप्रदायिक नारे और धमकी के शब्द थे. इस कार्यक्रम में जो हुआ सबने देखा. अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी को बताना चाहिए कि उनके कार्यकर्ताओं के हाथ में पत्थर कहां से आए, बोतल कहां से आए.
निशिकांत की धमकी पर अमित शाह बताएं, नहीं तो हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे
भट्टाचार्य ने कहा कि इस कार्यक्रम में भाजपा के एक सांसद निशिकांत दूबे भी शामिल थे. उन्होंने जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया है, वह सीधे तौर पर संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने जैसा है. लोकतांत्रित व्यवस्था को धवस्त करने जैसा है. निशिकांत कहते हैं कि 13 अप्रैल को लोकपाल के तहत मुख्यमंत्री को जेल में डाल दिया जाएगा. अब सवाल यह उठता है कि क्या लोकपाल इनके इशारे पर काम कर रहा है या फिर लोकपाल इन्हें जानकारी देकर काम करता है. निशिकांत दूबे ने दूसरी बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि चिंता न करें वे चुनाव आयोग पर दबाव डालकर लोकसभा के साथ ही विधानसभा का चुनाव करा देंगे. अब सवाल यह उठता है कि क्या चुनाव आयोग अमित शाह के इशारे पर काम रहा है या फिर चुनाव आयोग निशिकांत दूबे को जानकारी देकर काम करता है. देश के गृह मंत्री अमित शाह को बताना चाहिए कि निशिकांत दूबे को यह अधिकार किसने दिया. दीपक प्रकाश और बाबूलाल मरांडी को भी इस मामले में बोलना होगा. नहीं तो हम इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.
आपके पास पत्थर और बोतल है तो हमारे पास तीर-धनुष है
झामुमो से मुकाबला करने के लिए राजनीतिक कार्यक्रम तय करे भाजपा
सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि आज भाजपा मौन दिवस और काला दिवस मना रही है. जिनका दिल काला है, मन काला है, भाषा काली है. वह मौन दिवस और काला दिवस मना रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने 3 दशक के राजनीतिक जीवन में ऐसे राजनीतिक कार्यक्रम नहीं देखे. हमने भी लाठी खायी है, अस्तपाल गए हैं. मगर भाजपा का यह कार्यक्रम राजनीतिक न होकर आपसी भाईचारा बिगाड़ने वाला अधिक था. इसमें जो नारे लगे, पत्थर चले, बोलते फेंके गए, वह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं हो सकता है. इस घटना में कई पत्रकार और अफसर घायल हुए, ऐसे नहीं चलेगा. अगर झामुमो, गुरुजी और हेमंत सोरेन से मुकाबला करना है तो राजनीतिक कार्यक्रम तय करें. आपके पास पत्थर और बोतल है तो हमारे पास तीर-धनुष है. झामुमो ऐसे कार्यों से डरने वाला नहीं है. उन्होंने प्रशासन से कल की घटना की जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की.
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