Ranchi: राज्य में डिलिस्टिंग को लेकर आदिवासी समाज सजग हो गया है. यह बात सोमवार को जनजाति सुरक्षा मंच के मुखिया संघ अध्यक्ष सोमा उरांव ने लगातार न्यज डॉट कॉम से कही. सोमा ने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच इसको लेकर मार्च के पहले सप्ताह में मोरहाबादी मैदान मे रैली करेगा. अप्रैल में दिल्ली में दस लाख आदिवासी जुटेंगे. सभी एकसाथ मिलकर डिलिस्टिंग का मांग करेंगे. आदिवासी समाज का उत्थान नहीं हो रहा है. कहा कि आदिवासियों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है. इनका आरक्षण धर्मांतरित लोग उठा रहे हैं. आदिवासियों की पहचान खतरे में है. रूढ़िवादी प्रथा खत्म हो रही है. इनका अपना मूल पहचान, सरना, पारंपरिक वाद्ययंत्र, लोकगीत व पूजा पाठ सब कुछ बदल रहा है.
आदिवासियों का आरक्षण धर्मांतरित लोग उठा रहे हैं
आज आदिवासी समाज संकट के दौर से गुजर रहा है. इनकी वास्तविक पहचान खेती बारी से शुरू होती है. क्योंकि खेती बारी करने से पहले अपने खेतों की पूजा करते हैं. इसके बाद खेती में फसल उगाते हैं. लेकिन लोभ लालच में फंसकर आदिवासी ईसाई, मुस्लिम बन रहे हैं. आदिवासियों के उत्थान के लिए आरक्षण दिया गया है. लेकिन इनका लाभ अल्पसंख्यक उठा रहे हैं. आदिवासी लड़की से विवाह कर आरक्षित कोटा से चुनाव लड़वाया जा रहा है.
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