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तेनुघाट का नदी घाटी उच्च विद्यालय 5 साल से बंद, नहीं पढ़ पा रहे बच्चे

Bermo: झारखंड सरकार विशेष अभियान चलाकर जहां शिक्षा के प्रति नागरिकों को जागरूक कर रही है, वहीं जल संसाधन विभाग इसे लेकर सुस्त है. इसका उदाहरण है तेनुघाट शिविर संख्या दो में पांच साल से बंद पड़ा नदी घाटी उच्च विद्यालय. इसके बंद हो जाने से आसपास के बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है.

बता दें कि जल संसाधन विभाग द्वारा संचालित यह स्कूल पिछले पांच साल से बंद है. इस विद्यालय से कई छात्र एवं छात्राएं डॉक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता एवं राज्य एवं केंद्र सरकार के सरकारी विभागों में उच्च पदों पर कार्यरत हैं. वहीं विद्यालय के बंद हो जाने से लोग परेशान हैं. इसका असर बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहा है.

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बताया जाता है कि एकीकृत बिहार में सिंचाई विभाग एवं नदी घाटी योजना के संयुक्त प्रयास से 1969 में इस विद्यालय की स्थापना की गई थी. तेनुघाट बांध के निर्माण के दौरान काम कर रहे कर्मचारी एवं बांध से विस्थापितों के बच्चे इस विद्यालय से शिक्षा ग्रहण किया करते थे. इधर सूचना अधिकार अधिनियम के तहत तेनुघाट निवासी कमल लोचन सिंह ने जल संसाधन विभाग से विद्यालय के संबंध में कई जानकारी मांगी है.

शिक्षकों की बहाली नहीं की गयी

विभाग का जवाब है कि विद्यार्थियों की संख्या शून्य हो जाने के कारण बंद करना पडा. हकीकत यह है विभाग द्वारा शिक्षकों के रिटायर होने के बाद पुनः बहाली प्रक्रिया चालू नहीं किया गया. ऐसे में शिक्षक रिटायर होते गए और विद्यालय बंद हो गया. वैसे पूर्व विधायक माधव लाल सिंह ने भी इस विधालय को चालू कराने का खूब प्रयास किया, लेकिन नहीं हो सका.

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विद्यालय परिसर में उगी घास

जल संसाधन विभाग तेनुघाट के कार्यपालक अभियंता श्याम किशोर सिंह ने कहा कि पूर्व में ही शिक्षा विभाग को इस स्कूल को हैंडओवर कर चलाने के लिए पत्र दे दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इधर कुछ माह पूर्व पुनः जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है, ताकि प्रशासन विद्यालय का संचालन करे. बता दें कि मौजूदा समय में विद्यालय परिसर में झाड़ी उग आयी है. जहां कभी काफी चहल-पहल रहती थी, वहीं अब सन्नाटा पसरा है.

   

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