कमांडर भीखन गंझू का खुलासा – TPC संगठन नागालैंड से मंगाये हथियारों का करता है उपयोग
12 हजार विद्यार्थियों के लिए मात्र 60 कुर्सियां
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में लगभग 12 हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इन 12 हजार विद्यार्थियों के लिए मात्र लाइब्रेरी में 60 कुर्सियां हैं. विद्यार्थियों ने कहा कि लाइब्रेरी अक्सर बंद होता है. और विद्यार्थियों को किताबें तक इस लाइब्रेरी से नहीं मिलती है. लाइब्रेरी सिर्फ खानापूर्ति के लिए बनाई गई है. जब लाइब्रेरी से विद्यार्थियों को किताब नहीं मिलती है तो लाइब्रेरी बंद कर देनी चाहिए. यह फिर लाइब्रेरी की व्यवस्था विश्वविद्यालय प्रशासन को दुरुस्त करनी चाहिए.alt="" width="600" height="400" /> किताबें नहीं मिलने से आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट को पढ़ाई के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. किताबें नहीं मिलने की शिकायत पर लाइब्रेरी इंचार्ज ने बताया कि लाइब्रेरी सॉफ्टवेयर की जरूरत है. तभी लाइब्रेरी से विद्यार्थियों को किताबें मुहैया कराई जा सकती है. कुछ किताबें सामाजिक संस्थाओं द्वारा मुफ्त में दी गई है, वैसे किताबों को विद्यार्थियों के बीच अलॉट किया जा रहा है. लाइब्रेरी में रखी किताबें तब तक विद्यार्थियों को नहीं दी जा सकती है. जब तक लाइब्रेरी सॉफ्टवेयर अपडेट ना हो जाएं.
शौचालय, पानी, कैंटीन, वाई-फाई की सुविधा नहीं
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में विद्यार्थियों के लिए शौचालय, पानी, कैंटिन, वाईफाई जैसी सुविधाएं नहीं मिल रही है. जिसके कारण लाइब्रेरी की ओर विद्यार्थियों का रुझान भी काफी कम है. विद्यार्थियों ने कहा कि वाईफाई के नाम पर विश्वविद्यालय प्रशासन प्रत्येक विद्यार्थी से 250 सालाना शुल्क लेता है. लेकिन विद्यार्थियों को वाई-फाई की सुविधा वर्षों से नहीं मिल पा रही है. वाई-फाई की सुविधा विद्यार्थियों का हक है. इसके अलावा लाइब्रेरी में बिजली की भी समस्या बरकरार है. बिजली चले जाने पर लाइब्रेरी में चारों ओर अंधेरा छा जाता है. इंचार्ज ने बताया कि इन्वर्टर नहीं होने के कारण समस्याएं बनी हुई है.क्या कहते हैं लाइब्रेरी इंचार्ज संतोष कुमार
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के असिस्टेंट लाइब्रेरी इंचार्ज संतोष कुमार ने बताया कि लगभग 30 हजार से अधिक किताबें खराब हो चुकी है. जिसे दिमाग खा गए हैं. इसमें कई महत्वपूर्ण किताबें थी. लाइब्रेरी में कई प्रकार की खामियां बरकरार हैं. मैंने कई बार खामियों के संबंध में वाइस चांसलर को लिखकर दिया है. लेकिन कोई ठोस कदम विभाग द्वारा नहीं उठाए जाते हैं. इनफ्रिलवनेट के संबंध में चार बार प्रस्ताव भेजा गया है. [caption id="attachment_273743" align="aligncenter" width="600"]alt="डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में रखी 30 हजार किताबें खा गए दीमक" width="600" height="400" /> डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के असिस्टेंट लाइब्रेरी इंचार्ज संतोष कुमार[/caption] लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से लाइब्रेरी के मामले में स्वस्थ है. प्रतियोगिता संबंधित किताबों की संख्या भी कम है. आरएफआईडी, वाईफाई, सीटिंग कैपेसिटी समेत कई प्रकार की सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है. इसे भी पढ़ें –नियोजन">https://lagatar.in/government-should-stop-issuing-appointment-advertisements-when-planning-and-local-policy-is-not-clear-narayan-das/">नियोजन
और अस्थानीय नीति जब स्पष्ट नहीं, तो नियुक्ति विज्ञापन निकालना बंद करें सरकार : नारायण दास

Leave a Comment