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एक मांग- वेतनमान को लेकर अनशन पर बैठे टेट सहायक अध्यापक

Ranchi : झारखंड राज्य टेट सहायक अध्यापक समन्वय समिति के बैनर तले झारखंड विधानसभा के समक्ष एक मांग- वेतनमान को लेकर अनशन पर बैठे हैं. पांच दिवसीय अनशन कार्यक्रम में बैठने वालों में प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश उपाध्याय, मनोज शर्मा, महेश मेहता, अरविंद कुमार ,मनीष पांडेय, अविनाश रंजन, घनश्याम चंद्र, अरविंद विश्वकर्मा, आरती कुमारी, गीता कुमारी शामिल हैं. कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रमोद कुमार, योगेंद्र प्रसाद, बैजनाथ प्रसाद, संजय यादव, अजय कुमार मेहता, संजय मिश्रा, कमलेश यादव, शिव कुमार, तरुण, अनिल केशरी, रामबली यादव , अनुपा खालको, अरुणिमा टेलेरा समेत सैकड़ों सहायक अध्यापक मौजूद थे. इस दौरान कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी और अंबा प्रसाद ने उनसे मुलाकात की.

चुनाव में किया वादा भूल गये हैं हेमंत सोरेन

समिति के लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अल्पसंख्यक विद्यालयों में बिना परीक्षा और बिना टेट के चोर दरवाजे से 4200 और 4600 ग्रेड पे देकर सीधे विद्यालय भेज दे रहे हैं. दूसरी तरफ राज्य के टेट पास पारा शिक्षक पिछले 20 सालों से बच्चों के बीच शिक्षण कार्य करते आ रहे हैं. हेमंत सोरेन ने 2019 विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि जब हमारी सरकार बनेगी, तो तीन महीने में तमाम पारा शिक्षकों को वेतनमान देंगे. लेकिन आज साढ़े तीन साल बीतने को है. फिर भी टेट पास पारा शिक्षकों को वेतनमान से दूर हैं. राज्य के तमाम टेट पास सहायक अध्यापक सहायक आचार्य नियुक्ति प्रक्रिया का पुरजोर विरोध करते हुए विज्ञापन में दर्जनों त्रुटियां गिनायी है.

विज्ञापन में गिनायी त्रुटियां

(1) सहायक अध्यापकों के लिए 50% सीट आरक्षित है, लेकिन विज्ञापन में 50% आरक्षित सीट के आलोक में 265 सीट कम दिया गया है. (2) सहायक आचार्य में नियुक्ति के बाद 10 सालों तक सेवा देने के बाद सहायक शिक्षक बनाया जायेगा, लेकिन अधिकांश सहायक अध्यापक उम्र के कारण 10 साल के पूर्व ही सेवानिवृत हो जायेंगे. इसलिए सहायक अध्यापकों को सीधे सहायक शिक्षक बनाया जाये. (3) बहुत से सहायक शिक्षकों ने गृह विज्ञान, मानोविज्ञान, दर्शन शास्त्र, शिक्षा शास्त्र समेत दर्जनों विषयों से स्नातक किए हुए हैं, लेकिन विज्ञापन में उपरोक्त विषयों का उल्लेख नहीं है, जिससे सैकड़ों सहायक अध्यापक परीक्षा से वंचित हो जायेंगे. (4) हाई स्कूल शिक्षक परीक्षा के सिलेबस को कक्षा 6-8 के सहायक आचार्य परीक्षा का सिलेबस के रूप में कॉपी पेस्ट कर दिया गया है, जो उचित नहीं है. (5) जब हाई स्कूलों के शिक्षक नियुक्ति की परीक्षा 5 घंटे की होती है और ग्रेड पे 4200 एवं 4600 ग्रेड पे दिया जाता है, तो फिर सहायक आचार्य बनने के लिए 9 घंटे की परीक्षा क्यों? और वेतन चपरासी वाला 2400 एवं 2800 ग्रेड पे क्यों? इसलिए परीक्षा की अवधि 5 घंटे दो पालियों में की जाये. इसे भी पढ़ें – झारखंड">https://lagatar.in/jharkhand-44-of-rural-families-in-st-area-did-not-get-water-connection-prahlad-singh-patel/">झारखंड

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