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मामला थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे में एचआईवी संक्रमण का, CM सख्त, इरफान ने दिए जांच के आदेश, तीन अधिकारी निलंबित

Ranchi : चाईबासा में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाए जाने के मामले को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गंभीरता से लिया है. इसके साथ ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिये हैं. इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने तीन अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश जारी किया है.

 

थैलेसीमिया मरीजों को HIV देने के मामले की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने पश्चिमी सिंहभूम के सिविल सर्जन समेत संबंधित अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है.

 

मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसी लापरवाही अस्वीकार्य है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग कठोर मानक और निगरानी प्रणाली सुनिश्चित करे.

 

उल्लेखनीय है कि झारखंड में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के बीच रक्त संक्रमण के माध्यम से एचआईवी फैलने की आशंका ने स्वास्थ्य विभाग को झकझोर दिया है. दो दिन पहले सामने आए इस गंभीर मामले में एक बच्चे में एचआईवी संक्रमण की प्राथमिक पुष्टि हुई है.

 

मामला सामने आते ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने तत्काल उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए और त्वरित कार्रवाई करते हुए चाईबासा के सिविल सर्जन, एचआईवी यूनिट के प्रभारी चिकित्सक तथा संबंधित लैब टेक्नीशियन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. मंत्री ने कहा कि बच्चों के जीवन से जुड़ी किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

 

डॉ अंसारी ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है, जिसे एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जांच में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संबंधित रक्त आपूर्ति सरकारी ब्लड बैंक से हुई थी या किसी बाहरी स्रोत से.

 

उन्होंने बताया कि एचआईवी संक्रमण की पूर्ण पुष्टि में लगभग चार सप्ताह का समय लगता है. विंडो पीरियड के दौरान यदि संक्रमित व्यक्ति का रक्त ट्रांसफ्यूज हो जाए, तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस पूरे प्रकरण की जानकारी दे दी गई है और उन्होंने स्वयं इस पर सख्त व त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मंत्री ने कहा, हम सबके लिए बच्चे सबसे प्रिय हैं. उनके स्वास्थ्य और जीवन से जुड़ी किसी भी लापरवाही को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

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