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New Delhi ; कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने कहा है कि एक साथ या एक-दूसरे के खिलाफ प्रचार कर रहे विपक्षी दल लोकसभा चुनाव के बाद साथ आ जायेंगे. इंडिया’ गठबंधन की सरकार में लोगों को ऐसा प्रधानमंत्री मिलेगा, जो सबको समान भाव से देखता हो और दूसरों की बात सुनता हो. थरूर ने समाचार एजेंसी पीटीआई के मुख्यालय में संपादकों के साथ बातचीत में कहा कि गठबंधन सरकार को लेकर डर की कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा, “एक पार्टी की सरकारों की तुलना में ऐसी (गठबंधन) सरकारों के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन बेहतर होता है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
VIDEO | @ 𝟒 𝐏𝐚𝐫𝐥𝐢𝐚𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐒𝐭𝐫𝐞𝐞𝐭: “The truth is that in our country, coalitions come after polling for the most part. This is an unusual case when a serious attempt was made to bring people together before voting even took place and it was very clear to all of us… pic.twitter.com/pNXxOSZtWJ
— Press Trust of India (@PTI_News) May 4, 2024
शशि थरूर ने कहा, यह परिवर्तन का चुनाव है
शशि थरूर ने कहा कि यह परिवर्तन का चुनाव है और भाजपा ने विमर्श पर अपनी पकड़ खो दी है. कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य थरूर ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने के पार्टी के फैसले का भी बचाव किया और कहा कि निमंत्रण को अस्वीकार करना सही था क्योंकि यह प्रधानमंत्री मोदी के महिमामंडन के लिए आयोजित एक राजनीतिक समारोह था. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, मेरे विचार से अगर हमने ऐसा किया होता तो यह एक गलती होती. एक विशुद्ध राजनीतिक फैसले के तौर पर देखें तो यह सही निर्णय था. थरूर ने कहा कि यह सच है कि गठबंधन सरकार एकदलीय सरकार से बहुत अलग तरह से काम करती है.
जो भी प्रधानमंत्री बनेगा वह निरंकुश प्रवृत्ति का नहीं होगा
उन्होंने कहा, श्री मोदी की शैली, उनके व्यक्तित्व और भाजपा के शासन के तरीके को देखते हुए, मुझे लगता है कि यह कहना उचित होगा कि यह (इंडिया गठबंधन की सरकार) बीते दस वर्ष की इस सरकार से बहुत अलग होगी. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गठबंधन सरकारों के साथ भारत की जनता का रिकॉर्ड और अनुभव काफी अच्छा रहा है. थरूर ने कहा, गठबंधन सरकार का एक लाभ यह होगा कि जो भी प्रधानमंत्री बनेगा वह निरंकुश प्रवृत्ति का नहीं होगा… उसे दूसरों को ध्यान में रखना होगा. सच कहूं तो, यह शासन की संसदीय प्रणाली का उत्कृष्ट राजनीतिक सिद्धांत है. अभी हम (कई देशों) में राष्ट्रपति के तहत चलने वाली संसदीय व्यवस्था देख रहे हैं, जो बहुत खराब है.
गठबंधन सरकार को लेकर डर की कोई बात नहीं है
उन्होंने कहा, यदि इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो लंबे समय के बाद पहली बार एक ऐसा प्रधानमंत्री मिलेगा, जो सबको समान रूप से देखता हो, दूसरों की बात सुनता हो, उनकी बात पर गौर करता हो और अच्छा प्रबंधक हो. थरूर ने कहा,मुझे लगता है… गठबंधन सरकार को लेकर डर की कोई बात नहीं है. मैंने जिन मतदाताओं से बात की उनमें से अधिकतर की सोच थी कि मैं जिस उम्मीदवार को वोट दे रहा हूं वह कौन है, वह किन मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है, उसके जीतने से दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी और वह सरकार कैसे काम करेगी.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन भी चुनाव के बाद बना था
केरल में कांग्रेस और वाम दलों के बीच टकराव को लेकर इंडिया गठबंधन में उपजे विरोधाभासों और इससे एकजुट सरकार के गठन में बाधा आने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) और उससे पहले वाजपेयी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) भी तो चुनाव के बाद बना था. उन्होंने कहा,आखिरकार जब चार जून को मतगणना होगी तो मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि तृणमूल समेत ये सभी दल, चाहे वे एक साथ या एक-दूसरे के खिलाफ प्रचार कर रहे हों, नतीजे हमारे पक्ष में आने पर साथ आ जायेंगे.
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