- सरकार ने 140 दुकानें धनबाद में और 100 दुकानें गिरिडीह जिले में किराये पर ली थी.
- धनबाद और गिरिडीह जिले में दुकानों के हस्तांतरण का काम पुरा नहीं किया जा सका.
Ranchi : राज्य में उत्पाद नीति 2025 के तहत एक सितंबर से सरकार ने खुद खुदरा शराब बेचना बंद कर दिया है. लेकिन धनबाद में पुरानी उत्पाद नीति के तहत सरकार द्वारा किराये पर ली गयी शराब दुकानों में से 69 पर अब भी सरकार का कब्जा है. इन दुकानों में प्लेसमेंट एजेंसियों से वापस ली गयी शराब की पेटियां पड़ी हुई हैं. इससे सरकार पर किराया का बोझ बढ़ता जा रहा है. इसके अलावा प्लेसमेंट एजेंसियों के साथ बकाया का हिसाब किताब पूरा नहीं होने की वजह से शराब उत्पादकों को अगस्त 2025 का भुगतान नहीं हो रहा है.
राज्य में एक सितंबर 2025 से पहले तक उत्पाद नीति 2022 के तहत शराब की खुदरा बिक्री की जाती थी. पुरानी नीति के तहत झारखंड राज्य बिवरेज कॉरपोरेशन (JSBCL) द्वारा शराब की खुदरा बिक्री की जाती थी. इसके लिए दुकानों पर किराये पर ली गयी थीं. इन दुकानों में शराब की खुदरा बिक्री का काम प्लेसमेंट एजेंसियों को दिया गया था. सरकार ने उत्पाद नीति 2025 में शराब की खुदरा बिक्री खुद करने के बदले दुकानों की नीलामी का प्रावधान किया. नयी नीति के तहत शराब की खुदरा बिक्री शुरू करने के लिए उत्पाद विभाग ने पुरानी दुकानों के हस्तांतरण का काम एक जुलाई 2025 से शुरु करने का आदेश दिया था.
दुकान हस्तांतरण के इस आदेश के आलोक में सरकार द्वारा किराये पर ली गयी शराब दुकानों को प्लेसमेंट एजेंसियों से वापस लेना था. इस क्रम में दुकान में शराब के स्टॉक का हिसाब किताब करना था. इसके अलावा सरकार द्वारा किराये पर ली गयी दुकानों से शराब के स्टॉक को हटा कर JSBCL के गोदाम में रखना था. सरकार द्वारा दिये गये इस आदेश के तहत राज्य राज्य के 22 जिलों में इस प्लेसमेंट एजेंसियों से दुकान वापस लेने के बाद शराब के स्टॉक को JSBCL के गोदाम में रखा गया. लेकिन धनबाद और गिरिडीह जिले में दुकानों के हस्तांतरण का काम पुरा नहीं किया जा सका. पुरानी उत्पाद नीति के तहत सरकार ने शराब की खुदरा बिक्री के लिए पूरे राज्य में 1453 दुकानों किराये पर ली थी. इसमें से 140 दुकानें धनबाद में और 100 दुकानें गिरिडीह जिले में किराये पर ली गयी थी.
सरकार द्वारा किराये पर ली गयी शराब दुकानों के स्टॉक को JSBCL के गोदाम में रखने के आदेश के आलोक में गिरिडीह जिले में सात दुकानों का स्टॉक अब तक JSBCL के गोदाम में नहीं रखा जा सका है. प्लेसमेंट एजेंसियों से वापस लेने के बाद शराब की पेटियां सरकार द्वारा किराये पर ली गयी दुकानों में ही पड़ा हुआ है.
पुरानी नीति के तहत शराब की खुदरा बिक्री के लिए सरकार ने धनबाद में 140 दुकानों किराये पर ली थी. सरकार के आदेश के आलोक में इन सभी दुकानों के हस्तांतरण का काम पूरा किया जा चुका है. लेकिन सरकार द्वारा किराये पर ली गयी 140 दुकानों में से 69 दुकानों में प्लेसमेंस एजेंसियों से वापस ली गयी शराब की पेटियां पड़ी हुई हैं. इससे राज्य में नयी उत्पाद नीति के तहत शराब की खुदरा बिक्री एक सितंबर 2025 से शुरू होने के बावजूद धनबाद की 69 दुकानों के किराये का बोझ सरकार पर पड़ रहा है. इसकी वजह JSBCL के धनबाद स्थित गोदाम में जगह की कमी बतायी जा रही है.
जिला प्रशासन की ओर से इस समस्या के समाधान के लिए नया गोदाम किराये पर लेने के लिए सरकार से अनुमति मांगी गयी है. इन दुकानों में शराब का स्टॉक पड़े रहने की वजह से JSBCL द्वारा शराब उत्पादकों से अगस्त 2025 में लिये गये शराब की कीमत का भुगतान नहीं हो रहा है. बताया जाता है कि शराब उत्पादकों का अगस्त 2025 का करीब 200 करोड़ रुपये का भुगतान JSBCL ने नहीं किया गया है. हालांकि इसके बाद की अवधि का भुगतान नियमित है.


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