Ranchi: सत्र न्यायालय ने जानलेवा हमले के आरोपी गणेश महतो को बरी कर दिया है. पुलिस ने प्राथमिकी की जांच के बाद आरोप पत्र समर्पित किया था. लेकिन मेडिकल रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज अदालत में पेश नहीं किया. जांच अधिकारी ने भी अपना बयान दर्ज नहीं कराया. सत्र न्यायालय ने फैसले में कहा है कि जवाहर लाल बर्मन ने 2020 में चुटिया थाने में यह प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें यह आरोप लगाया गया था कि वह अपने मित्र पप्पु शर्मा के साथ बिजली का काम कर रात के आठ बजे घर लौट रहे थे. जब वे चमोटा तालाब के पहुंचे तो वहां गणेश महतो अपने दो सहयोगियों के साथ मिला. उसने शराब पीने के लिए पैसों की मांग की. पैसा देने से इनकार करने के बाद अभियुक्तों ने उस पर जानलेवा हमला किया. पुलिस ने इस शिकायत की जांच के बाद आरोप पत्र समर्पित किया. वर्ष 2023 में आरोप गठन के बाद ट्रायल शुरू हुआ. पुलिस की ओर से राजू महतो को बतौर गवाह पेश किया गया. जिरह के दौरान इस गवाह ने अपने बयान में कहा कि उसे इस तरह के किसी घटना की जानकारी नहीं है. उसने पुलिस के समक्ष किसी तरह का कोई बयान नहीं दिया है. जिरह के बाद इस गवाह को होस्टाईल घोषित कर दिया गया. पुलिस की ओर से राजू महतो के अलावा कोई गवाह नहीं पेश किया गया. पुलिस की ओर से जानलेवा हमले में शिकायतकर्ता के जख्मी होने या चोट लगने से संबंधित किसी तरह का मेडिकल रिपोर्ट नहीं पेश किया गया. यहां तक की मामले की जांच करने वाले पुलिस अधिकारी ने भी अपना बयान कोर्ट मे दर्ज नहीं कराया. पुलिस प्राथमिकी में लगे आरोपों को साबित करने में असफल रही है. इसलिए न्यायालय ने अभियुक्त को बरी कर दिया. इसे भी पढ़ें -Exclusive:">https://lagatar.in/exclusive-acb-is-investigating-the-property-details-of-ias-vinay-chaubey-and-his-close-associates/">Exclusive:
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मेडिकल रिपोर्ट व जांच अधिकारी का बयान नहीं होने से जानलेवा हमले का आरोपी बरी

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