बोकारो : आंदोलनकारी बीएसएल के मृत कर्मचारियों के आश्रितों को 21 नवंबर की सुबह पुलिस ने जबरन उठाकर अस्थायी जेल मंगलम स्टेडियम में बंद कर दिया. विरोध में आंदोलनकारियों के परिजन स्टेडियम के मुख्य गेट पर धरना पर बैठ गए. नीरज चौबे के नेतृत्व में आंदोलनकारी पांच दिनों से एडीएम बिल्डिंग के मुख्य गेट पर भूख हड़ताल पर बैठे थे. आंदोलनकारी ड्यूटी के दौरान हादसे में मारे गए कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने की मांग कर रहे हैं. आश्रितों का आरोप है कि कई बार आंदोलन हुए, प्रबंधन से वार्ता हुई, लेकिन नतीजा सकरात्मक नहीं निकला. आंदोलनकारियों को पुलिस ने जबरन जेल में बंद कर उनकी आवाज कुचल दी. उम्मीद में कई आश्रितों के नौकरी पाने की उम्र सीमा भी समाप्त हो चुकी है. अब प्रबंधन उसी बहाने नौकरी देने से इंकार कर रहा है. यह भी पढ़ें : पुलिस">https://lagatar.in/police-chased-people-illegally-extracting-coal/">पुलिस
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आंदोलनकारियों को पुलिस ने जबरन उठाया

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