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बजट सत्रः जनादेश न भी मिला हो, सांसदों-विधायकों को तोड़-फोड़ व खरीद फरोख्त कर सत्ता में आना ही विपक्ष का उद्देश्यः सीएम

-परिसीमन को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे, सरकार रहे या न रहे -आज देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू में है -विपक्ष ने चुनाव आयोग को जूते के नीचे रखा है Ranchi: आज इस बजट सत्र का आखिरी दिन है. इस सत्र के समापन के दौरान बात रखने का मौका मिला. विपक्ष दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा. खेल के मैदान में प्रतिस्पर्द्धा हो रही हो और एक टीम गायब हो तो खेल का परिणाम क्या हो सकता है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. मानो विपक्ष ने पहले ही हार मान ली हो. लोकतंत्र की दुहाई देने वाले, संविधान की कसमें खाने वाले लोग इसी तरीके के हैं. बोलते कुछ और करते कुछ हैं. देश को परिणाम कुछ और भुगतना पड़ता है. यही वजह की है कि आज धीरे-धीरे पूरा विपक्ष सदन से बाहर चला गया. सरकार ने एक लाख 45 हजार 400 करोड़ का अबुआ बजट पेश किया. सदन ने इस बजट पर मुहर भी लगाया. विपक्ष के लोगों ने भी इस डिबेट में योगदान दिया. कई सदस्यों ने अपनी-अपनी बातें रखीं.

जाति-धर्म से ऊपर उठकर काम कर रही सरकार

इस बार सदन को सौभाग्य भी मिला कि एक लंबे अंतराल के बाद नेता-प्रतिपक्ष मिला. कई संवैधानिक कार्य जो अटके पड़े थे, अब त्वरित गति से आगे बढ़ाने का प्रयास होगा. जिसको लेकर आए दिन कोर्ट में भी बातें आती हैं. सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की अवधारणा को साकार करते हुए लोकतंत्र की गरिमा को आगे बढाने का संकल्प लिया है. जाति-धर्म से ऊपर उठकर सरकार काम कर रही है. पिछले कार्यकाल से अब तक विपक्ष की चुनौतियों और षडयंत्र के बावजूद आज फिर से जनादेश प्राप्त करने में सफल हुए. मजबूती के साथ खड़े हैं.

अपना संविधान षड्यंत्र के तहत थोपने का हो रहा प्रयास

कुछ भी कह लें अब धीरे-धीरे राज्य और देश की जनता इनके असली चेहरे को देख रही है. धीरे-धीरे इनका नकाब परत दर परत उतर रहा है. इस राज्य में आयातित नेताओं द्वारा षडयंत्र रचने का प्रयास हुआ. केंद्रीय मंत्री से लेकर सीएम तक महीनों-महीनों यहां मंडराते रहे. कई राज्य के सीएम अपने राज्य को छोड़कर इसी राज्य में विचरण करने में लगे थे. उनका राज्य बाढ़ में डूब रहा है. भूखमरी में है लेकिन उनको उससे कोई लेना-देना नहीं. नौजवान, किसान आमनागरिक से कोई सरोकार नहीं. विपक्ष के लोग सर्वांगीण विकास कागज पर करते हैं. सिर्फ सत्ता में काबिज होना चाहते हैं, जनादेश न भी मिला हो, सांसदों- विधायकों को तोड़ो-फोड़ो, खरीद फरोख्त कर सत्ता में आना ही उनका उद्देश्य है. इसके पीछे हिडन एजेंडा है. ये चाहते हैं कि देश में अधिक से अधिक राज्यों में इनकी सरकारें हो. इस देश के मजबूत संविधान को उठाकर यह फेंक देना चाहते हैं. अपना संविधान षड्यंत्र के तहत थोपने का प्रयास कर रहे हैं.

इतने निचले स्तर की राजनीति मैंने कभी नहीं देखी

यह राज्य आदिवासी पिछड़ा बहुल राज्य है देश का सबसे पिछड़ा राज्य भी है संविधान की वजह से आदिवासी दलित पिछड़ा बच पाए हैं. इनका वर्तमान राजनीतिक व्यवहार इतना खराब खतरनाक है कि इसकी परिकल्पना नहीं की जा सकती इतने निचले स्तर का राजनीतिक देश आजाद होने के बाद कभी नहीं देखी गई. यह पहली बार देश में अजीबोगरीब स्थिति बन पड़ी है. अलग-अलग तरीके से उलझाया जा रहा है. मैं इनके बारे में कहां से शुरू करूं और कहां खत्म करूं समझ में नहीं आता. आस्था देश बहुत बड़ा विषय है. लोगों के प्रति उनका व्यवहार है. विपक्ष ने आस्था को कमजोर नस के रूप में पड़कर सभी वर्गों के भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास किया. हाल ही में कुंभ स्नान मेले का आयोजन हुआ हम लोगों ने भी सोचा कि वहां जाएं लेकिन वहां जो वातावरण बना हिम्मत नहीं जुटा पाए. विपक्ष के लोग इस विषय को देश में इकोनॉमिकल मॉडल बनाने का प्रयास किया. इस कुंभ के मेले से कितना बड़ा अर्थव्यवस्था में बदलाव आया यह बताना चाहिए. आज देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू में है. सर के बाल अर्थव्यवस्था खड़ी हो गई है. धीरे-धीरे बुरी स्थिति में जा रही है. हर गुनाहों को ना कबूल करते हैं ना पश्चाताप करते हैं और न सुधरने की कोशिश करते हैं.

फूट डालो और राज करो की नीति को आत्मसात कर रखा है

जिस तरीके से देश में जातियों का वर्गीकरण है उसे नहीं लगता कि यह लोग देश के लोगों को शांति से जीने देंगे. फूट डालो और राज करो की नीति को आत्मसात कर रखा है. हमने पहले सुना था कि मोहर्रम रामनवमी में सांप्रदायिक तनाव होते हैं. अब तो होली में भी सुनने को मिल रहा है. कल दिवाली में भी सुनने को मिलेगा. क्रिकेट मैच में भी सांप्रदायिक दंगे होने लगे हैं. कौन सा ऐसा दिन बचेगा जहां संप्रदाय तनाव न फैले. यह लोग कौन हैं. मुझे लगता है कि देश में वर्गीकरण नहीं होता तो हम सभी लोग हिंदुस्तानी होते.

हमलोग बहुत पॉजिटिव राजनीति करने वाले लोग हैं

हमलोग बहुत पॉजिटिव राजनीति करने वाले लोग हैं. नेगेटिव चीजों पर ज्यादा ताकत लगता है. जितनी ताकत नेगेटिव चीजों पर लगाएंगे उतनी ताकत अच्छी चीजों को करने में लगाएंगे तो कहीं बेहतर परिणाम मिलेगा. आज पूर्व की अपेक्षा ज्यादा ताकत के साथ सत्ता में आए हैं. इसी सोच के साथ आगे भी काम करेंगे. यह राज्य को भी दिखेगा और देश को भी दिखेगा. लंबा कार्यकाल विपक्ष का रहा लेकिन वह दिशा नहीं दे पाए और राज्य को भी लटका दिया. राज्य को दलदल में खड़ा कर दिया और खुद भी भटक गए. दिन-ब-दिन इनकी संख्या भी काम हो रही है. हमलोगों का जो कार्य रहा चाहे वह मैया सम्मान योजना हो 57 से 58 लाख महिलाओं को सम्मान राशि देना छोटी बात नहीं है. यह जुमला नहीं हकीकत है. आज राशि से कितनी सोच पैदा हो रही है. अभी शुरुआत की है. साल साल डेढ़ साल बाद इस योजना का इंपैक्ट पूरा देश देखेगा. दिल्ली में ऐन-केन प्रकारेण चुनाव जीतने का काम किया. चुनाव आयोग को जूते के नीचे रखा है. दिल्ली में मंईयां सम्मान के नाम पर गोल-माल इनकी कार्य योजना चल रही है.

मंईयां योजना में सालाना खर्च 13 हजार करोड़ रुपए आएगा

मंईयां योजना में 13000 करोड़ सालाना खर्च आएगा. हमारी व्यवस्था के बारे में हमें पता है कि हम कितने सक्षम हैं व्यवस्था के साथ. सरकार फोर व्हील गाड़ी के साथ चलेगी. राज्य की आम नागरिक राज्य को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे. पहले पेंशन को लेकर लंबी कतार लगती थी. पेंशन के लिए दलालों के चक्कर में फंसकर जमा पूंजी भी लूट रहे थे. आज सभी लोगों को पेंशन मिल रहा है. सरकार का सामाजिक सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान रहा है. विपक्ष के लोग भारत सरकार ने जिस तरह से नीतियां बनाई है. आने वाले समय में आर्थिक असमानता इतना बड़ा होने जा रहा है कि 10 साल बाद देश का हालत क्या होगा यह समझ से परे है.

धन उगाही का नया तरीका अपनाया है

केंद्र ने धन उगाही का नया तरीका अपनाया है. आरबीआई ने नियम में बदलाव किया है. एटीएम कार्ड जो उपयोग करते हैं पैसा निकालने पर उसे पर चार्ज लगता है. चार्ज बढ़ा दिया गया है. बैंक बैलेंस जानने में भी पैसा लगता है. यह लोग चतुराई से जेब काटते हैं. आरबीआई ने साढ़े आठ हजार करोड रुपए की उगाही की है. सबसे प्रभावित नौजवान है. महंगाई एक तरफ रफ्तार से बढ़ रही है.

राज्य सरकार ने सड़क को बेहतर बनाने का लिया है संकल्प

सड़क को बेहतर बनाने का संकल्प लिया है. इस साल 5000 करोड़ से 1200 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा. छोटे और मंझौल उद्योगों के लिए अलग निदेशालय स्थापित करेंगे. चार लाख से अधिक किसानों का लाख तक का ऋण माफ किया गया है. डेढ़ लाख एकड़ में फलदार पेड़ भी लगाए गए हैं. मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना के लिए 2257 करोड़ रूपया दिया गया है. मुख्यमंत्री पशुधन योजना में 255 करोड रुपए दिए गए हैं. तालाब निर्माण के लिए 300 करोड़ रूपया दिया गया है. कृषि यंत्र बैंक के लिए 140 करोड़ रूपया रखा गया है.

हेलीकॉप्टर एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध कराई जाएगी

सीएम ने कहा कि राज्य की जनता को हेलीकॉप्टर एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध कराई जाएगी. इसकी मैपिंग हो रही है. हर हॉस्पिटल में हेलीपैड बनाने का संकल्प लिया गया है. यह देश का पहला राज्य होगा जहां हेलीकॉप्टर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. आर्थिक और वित्तीय व्यवस्था को बेहतर तरीके से मैनेज किया गया है. कर्ज को भी सीमित दायरे में रखा गया है.

हमारे साथ हो रहा सौतेला व्यवहार

डबल इंजन की सरकार नहीं है तो हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. खनन गतिविधियां झारखंड में सबसे अधिक होता है. लगातार हम अपनी मांग रख रहे हैं. 136000 करोड़ रुपया बकाया है. इसमें थोड़ा बहुत पैसा दो से ढाई हजार करोड़ रूपया ही आया है. एकमुश्त मिले तो यह राज्य कर्ज देने की स्थिति में आ जाएगा. लेकिन यह चाहते नहीं है. इनको तकलीफ होता है कि आदिवासी और दलित मंत्री बना है. मनरेगा के लिए 1200 करोड़ रुपया बकाया है. रिवाल्विंग फंड भी खत्म हो गया. पानी के मामले में 6000 करोड़ से ज्यादा बकाया है. सर्वजन पेंशन का पैसा केंद्र से नहीं आ रहा है. हमारा आवंटन डबल इंजन की सरकार को दे देते हैं. लेकिन हमलोग अपना संसाधन जुटाना में कोई कसर नहीं छोड़े हैं. राजस्व संग्रहण में वृद्धि हुई है. 2023 से 2024 के बीच 42000 करोड़ रूपए राजस्व संघर्ष संग्रहण हुआ था. 2024 से 2025 में 60000 करोड़ आने की उम्मीद है.

केंद्र कुंडली मार कर बैठा है

पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण, सरना धर्म कोड, खतियान आधारित नीति सभी चीजों पर भारत सरकार कुंडली मारकर बैठी है. इन ज्वलंत विषय पर राज्य की जनता को आरपार की लड़ाई लड़नी होगी. संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है. परिसीमन को लेकर कई राज्यों में गोष्ठियां हो रही है. यह परिसीमन के पीछे भी इनका हिडन एजेंडा है कि कैसे आदिवासी दलित की सीटों को घटाया जाए. शिबू सोरेन के समय परिसीमन को रोका गया था. पूरे देश में परिसीमन का षड्यंत्र बिछाया गया है. ऐसी स्थिति हुआ तो आर पार की लड़ाई लड़ेंगे चाहे सरकार में रहे या ना रहे.

असम के सीएम पर साधा निशाना

आज असम अंडमान के आदिवासियों के क्या हालात हैं. आज तक आदिवासी का दर्जा नहीं मिला. असम के मुख्यमंत्री झारखंड में सुपरस्टार बनकर घूम रहे थे. जब पूछा गया तो गोल-गोल जवाब दे रहे थे. एक नेता कहता है संथाल को अलग कर दो. दूसरा कहता है सरायकेला खरसावां को अलग कर दो. जाति जाति में घर-घर में लाडवा दो. पता नहीं यह कौन सी यूनिवर्सिटी से डिग्री लेकर आए हैं. राजधानी रांची में हुई बुधवार की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि हम इसकी भी निंदा करते हैं. इस घटना को कोई माफ नहीं कर सकता. मंत्री योगेंद्र प्रसाद विधायक सुरेश पासवान और संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर भी मृतक के परिजनों से मिलकर आए. जो भी अपराधी हैं कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल अभी एक को पकड़ा है लेकिन विपक्ष के लोगों ने इसे अलग तरीके से तूल दिया.

अपने व्यापारी मित्रों का 16 लाख करोड़ माफ कर दिया

केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि 16 लाख करोड़ अपने व्यापारी मित्रों का कर्ज माफ कर दिया. किसानों को सालाना ₹6000 देते हैं. इस हिसाब से प्रतिदिन 15 से 16 रुपया हुआ. 15 से ₹16 में जहर भी नहीं मिलेगा. यह लोग इतने दुष्ट हैं. मुख्यमंत्री ने 2014 से 2024 के बीच बढ़ती महंगाई के आंकड़ों को भी रखा. कहा कि 2014 में डाल ₹70 मिलता था जो अब 135 रुपए हो गया है. सरसों तेल ₹90 से बढ़कर ₹170 प्रति लीटर हो गया है. नमक ₹15 से बढ़कर ₹30 हो गया है चावल ₹25 से बढ़कर 45 रुपया हो गया है. डीजल ₹55 से बढ़कर 95 रुपया हो गया है और पेट्रोल ₹70 से बढ़कर ₹100 हो गया है. रहा सहा कसर नोटबंदी ने पूरा कर दिया .देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया. टैक्स इतना लाभ दिया गया है की चमड़ी ही निकाल लिया है. विकसित भारत की यह लोग बात करते हैं. कोई भी एक समान बता दें जिसको लेकर दुनिया के पटल पर बोल सके कि यह भारत का प्रोडक्ट है. भले वे फोर्ब्स पत्रिका में अपना नाम लिखवा ले. लेकिन देश विचित्र तरीके से चल रहा है लॉजिक और मैजिक. झारखंड 25 साल का राज्य है. जिन लोगों के पास नवजात राज्य का जिम्मा था, 15 नवंबर 2000 की काली रात को शपथ ग्रहण किया था. इन लोगों ने वर्षों तक राज्य किया. पर राज्य को भटका दिया. हमलोग राज्य को दिशा देने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे. जनादेश बताता है कि सरकार पर विश्वास है. आने वाले 25 साल के कार्य योजना के साथ काम करेंगे. इसे भी पढ़ें – योगी">https://lagatar.in/a-biopic-will-be-made-on-yogi-adityanath-know-who-will-play-the-role-of-up-cm/">योगी

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