Ranchi : झारखंड में एंबुलेंस व्यवस्था की स्थिति बदतर होती जा रही है. कई जिलों में एंबुलेंस की भारी कमी है. जो गाड़ियां संचालित हैं, उनकी भी हालत गंभीर बताई जा रही है. हैरानी की बात यह है कि महीनों से गैर-कार्यरत और गैर-मरम्मतशुदा एंबुलेंसों को भी कार्यरत दिखाकर भुगतान लिया जा रहा है.

108 एंबुलेंस सेवा संचालित करने वाली कंपनी सम्मान फाउंडेशन की लापरवाही और अनियमितताओं के चलते प्रदेशभर में एंबुलेंस सेवा प्रभावित हो रही है. कई जगह मरीजों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है, जिससे जान जोखिम में पड़ रही है.
एंबुलेंस कर्मियों से हुई बातचीत में एक गंभीर मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार, एंबुलेंस वाहन संख्या JH-01-CH-8816 दिनांक 15 जुलाई को SNNMCH से CHC टुंडी जाते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इसके बाद से यह एंबुलेंस धनबाद के कुंज विहार स्थित एक गैराज में महीनों से खड़ी है.
इसके बावजूद, ईएमएएस (Emergency Medical Ambulance Service) के रजिस्टर में इस गाड़ी की सेवा का एंट्री दिनांक 18 अक्टूबर से 23 अक्टूबर 2025 तक दर्ज है. दस्तावेजों में यह वाहन कार्यरत दिखाया गया है, जबकि वास्तविकता में यह कई सप्ताह से सड़क पर नहीं उतरी.
यह सवाल उठता है कि जब वाहन गैराज में खड़ा है, तो यह मरीजों को सेवा कैसे दे रहा है. यह मामला गंभीर वित्तीय अनियमितता और रिकॉर्ड में हेरफेर का प्रतीक है. हालांकि अब तक कंपनी या संबंधित अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
राज्य में 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन निजी एजेंसी के जिम्मे है, लेकिन खराब प्रबंधन और रखरखाव की लापरवाही से स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में मरीजों को एंबुलेंस के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है.


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